जबलपुर शहर के भानतलैया निवासी पूर्व पार्षद धर्मेंद्र सोनकर की दिन-दहाड़े घर के सामने गोली मारकर हत्या करने का आरोपी मोनू सोनकर हार्डकोर क्रिमिनल है। इससे पहले भी उसका नाम कई हत्याओं में सामने आ चुका है। 13 जून वर्ष 2015 में उसने यहां की बाबाटोला पहाड़ी पर स्थित मौनी बाबा आश्रम में नागा संत हरिओम दादा की साथी जित्तू सोनकर के साथ गोली मारकर हत्या कर दी थी। जेल गैंगवार की रंजिश में हुई अधारताल निवासी प्रकाश सेठी की हत्या में भी मोनू पर साजिश रचने का आरोप लगा था। 2010 में धर्मेंद्र सोनकर के मकान पर बमबाजी कर चुका था। दो दिन पहले उसने पत्नी के साथ मारपीट की थी। इसकी शिकायत पर पुलिस उसे पकड़ कर थाने ले गई थी, लेकिन फिर उसे छोड़ दिया गया था।
मोनू सोनकर की क्षेत्र में ऐसी दहशत है कि कई प्रकरणों में उसके खिलाफ गवाह तक पलट गए। हनुमानताल, बेलबाग, घमापुर थाने में उसके खिलाफ 15 से अधिक गम्भीर अपराध दर्ज हैं। मोनू सोनकर हत्या या अन्य गम्भीर वारदात के बाद कभी फरार नहीं हुआ। हर बार वह आसानी से पुलिस की गिरफ्त में आ जाता है। नागा संत हरिओम दादा की की हत्या के बाद वह खुद ही थाने पहुंच गया था। हरिओम दादा को वह गुरु मानता था, लेकिन बीमार होने के बाद जादू-टोना के संदेह में उनकी गोली मारने के बाद धारदार हथियार से गला काटकर हत्या कर दी थी। पूर्व पार्षद सोनकर की हत्या की वारदात के बाद भी मोनू फरार नहीं हुआ। वह हत्या के बाद पानी टंकी स्थित अपने घर भाग गया था। वहां बेलबाग थाने की पेट्रोलिंग टीम ने उसे दबोच लिया। उसने कुल आठ राउंड फायरिंग करना पुलिस के सामने स्वीकारा।