जानकारी के मुताबिक कनवास के ग्रामीणों की मानें तो सरपंच को 27 जुलाई की रात ही वैक्सीनेशन के बारे में सूचना आ गई थी। ग्राम कोटवार दुर्गेश प्रधान ने डुगडुगी पिटवा कर ग्रामीणों को वैक्सीनेशन की जानकारी रात में ही दे दी। गांव के माध्यमिक शाला में वैक्सीनेशन की तैयारी की गई थी। सुबह स्कूल के शिक्षक अशोक सिंह ठाकुर और महिला शिक्षक रानी उपाध्याय भी पहुंच गईं। यहां कनवास सहित ग्राम पंचायत के टिकरी, रईयाखेड़ा व खपरा गांव के लोगों को भी वैक्सीन लगनी थी। गांव के लिए कुल 300 डोज आवंटित हुए थे। इसमें 100 सेकेंड डोज वालों के लिए और 200 डोज पहली बार टीका लगवाने वालों के लिए थे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। ऐसे में ग्रामीणों ने एएनएम को फोन किया तो पता चला कि उनके हिस्से की 158 डोज 18 किलोमीटर दूर जिलेटिन फैक्ट्री के कर्मियों को लगा दी गई है।
इस पर ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन में मामले की शिकायत दर्ज कराई। वहां से बताया गया कि आपकी कॉल रिकॉर्ड की जा रही है। झूठ बोलने पर आप के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हो जाएगी। उनकी कॉल जबलपुर में भी ट्रांसफर कर बात कराई गई। ग्रामीणों ने स्थानीय विधायक संजय यादव से भी मामले की शिकायत की।
इस संबंध में सरपंच गजेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि दोपहर में कॉल आया कि वैक्सीन की कमी के चलते आज वैक्सीन नहीं लगेगी। पंचायत के चारों गांवों में मजदूर वर्ग ज्यादा है और अभी रोपा का समय चल रहा है। लेकिन ग्रामीण इस उम्मीद में काम पर नहीं गए थे कि टीकाकरण होना है। लेकिन वह भी नहीं हुआ।
सिंह के अनुसार शाम को जब उन्होंने एसडीएम अनुराग तिवारी से बात की तो उन्होंने सरपंच को झूठा करार देते हुए कहा कि उनके सामने चार्ट पड़ा है, गांव के 158 लोगों को वैक्सीन लगी है। इस पर सरपंच ने एएनएम से हुई बात का हवाला दिया तो उन्होंने कहा कि ये गंभीर है, मामले की जांच कराएंगे। ग्रामीणों का आरोप है कि जिलेटिन फैक्ट्री प्रबंधन के प्रभाव में आकर सीवीएमओ और बीएमओ ने आखिरी समय में कनवास गांव की वैक्सीन, फैक्ट्री के लोगों को लगवा दी।
इसके बाद ग्रामीणों के सोशल ग्रुप में 28 जुलाई की शाम को हेल्थ विभाग द्वारा जारी सूची आई तो उसमें कनवास में 158 लोगों को वैक्सीन लगाने का जिक्र था। इस पर ग्रामीणों ने शाम को फिर एएनएम नीलम साहू से बात की। बताया कि जब गांव में वैक्सीन लगी ही नहीं तो पोर्टल पर गांव का नाम कैसे चढ़ा दिया गया। एएनएम ने बताया कि वैक्सीन गांव के नाम पर ही आवंटित हुई थी। पोर्टल में एक बार जो स्थान दर्ज हो जाता है, उसे बदला नहीं जा सकता है। इस कारण कनवास नाम सूची में शो कर रहा है।
ग्रामीणों की शिकायत के बाद गांव में 31 जुलाई को वैक्सीनेशन का कैंप लगाया गया। पर इस बार सिर्फ 100 लोगों को सेकेंड डोज की वैक्सीन लगाई गई। पहले डोज वालों को अभी इंतजार करने को कहा गया। एसडीएम अनुराग तिवारी ने कहा कि ग्रामीणों की शिकायत की जांच जारी रहेगी। प्रकरण में बीएमओ और सीवीएमओ से जवाब मांगा गया है। जिला टीकाकरण अधिकारी शत्रुघन दाहिया ने भी प्रकरण में दोनों अधिकारियों से सेंटर बदलने के बारे में जवाब मांगा है।