एटीएस ने गिरोह के मास्टरमाइंड दिलशाद खान को गिरफ्तार कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी के बाद रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। कैसे वह लड़कियों को अपने झांसे में लेकर उनसे मोटी रकम ऐंठता था। नौकरी दिलाने के नाम पर ऐंठे गए पैसों में से कुछ राशि वह गिरोह में शामिल लोगों को देता तो बची हुई राशियों का बंटवारा वह पत्नियों के बीच करता।
पत्नियों को खर्च के लिए हर महीने देता था 50 हजार
आरोपी दिलशाद से पूछताछ के दौरान जानकारी मिली है कि ठगी की रकम से वह पांचों पत्नियों को हर महीने 50-50 हजार रुपये खर्च के लिए देता था। दिलशाद खुद पर हर महीने डेढ़ लाख रुपये खर्च करता था। यहीं नहीं दिलशाद की जबलपुर निवासी पत्नी फराह खान बीएएमएस डॉक्टर है और उसका आधारताल, जबलपुर में खिदमत नर्सिंग होम है।
आरोपी दिलशाद से पूछताछ के दौरान जानकारी मिली है कि ठगी की रकम से वह पांचों पत्नियों को हर महीने 50-50 हजार रुपये खर्च के लिए देता था। दिलशाद खुद पर हर महीने डेढ़ लाख रुपये खर्च करता था। यहीं नहीं दिलशाद की जबलपुर निवासी पत्नी फराह खान बीएएमएस डॉक्टर है और उसका आधारताल, जबलपुर में खिदमत नर्सिंग होम है।
खुद को बताया था सीएमडी
दिलशाद काफी हाईप्रोफाइल स्टेस्टस को मेंटेन करता था। वह खुद को पत्नी की अस्पताल का सीएमडी बताकर बेरोजगार आदिवासी युवतियों के सामने रौब दिखाता था। एसटीएफ की पड़ताल में यह भी सामने आया है कि डॉ फराह खान, अस्पताल की आड़ में अलग-अलग जिलों में संचालित नर्सिंग कॉलेजों में फाइनल ईयर में पढ़ने वाली लड़कियों की जानकारी कॉलेजों से लेकर दिलशाद को ग्राहक के तौर पर उपलब्ध करवाती थी।
दिलशाद काफी हाईप्रोफाइल स्टेस्टस को मेंटेन करता था। वह खुद को पत्नी की अस्पताल का सीएमडी बताकर बेरोजगार आदिवासी युवतियों के सामने रौब दिखाता था। एसटीएफ की पड़ताल में यह भी सामने आया है कि डॉ फराह खान, अस्पताल की आड़ में अलग-अलग जिलों में संचालित नर्सिंग कॉलेजों में फाइनल ईयर में पढ़ने वाली लड़कियों की जानकारी कॉलेजों से लेकर दिलशाद को ग्राहक के तौर पर उपलब्ध करवाती थी।
दो साल से कर रहा था ऐसा
दिलशाद ठगी के इस काम में पिछले दो साल से लगा हुआ था। लड़कियों से नर्स की नौकरी के नाम पर ठगी गई राशि में से 25-30 लाख रुपये का निवेश उसने खुद के अस्पताल में किया है। एसटीएफ दिलशाद और आलोक कुमार बामने की पत्नी से पूछताछ करेगी। दोनों आरोपियों के बैंक खाते सीज कर दिए हैं।
दिलशाद ठगी के इस काम में पिछले दो साल से लगा हुआ था। लड़कियों से नर्स की नौकरी के नाम पर ठगी गई राशि में से 25-30 लाख रुपये का निवेश उसने खुद के अस्पताल में किया है। एसटीएफ दिलशाद और आलोक कुमार बामने की पत्नी से पूछताछ करेगी। दोनों आरोपियों के बैंक खाते सीज कर दिए हैं।
सैकड़ों लड़कियों के मिले कागजात
दिलशाद की पिपलिया पैंदे खां, भोपाल निवासी एक पत्नी के घर से एसटीएफ को सैकड़ों लड़कियों बायोडाटा, अंक पत्र, नौकरी के लिए भरे गए फॉर्म, एम्स के फर्जी लेटरहेड, फोटो सहित अन्य अहम दस्तावेज मिले हैं। दिलशाद ने ये दस्तावेज पड़ोसी का मकान किराए पर लेकर उसमें छिपा रखे थे।
दिलशाद की पिपलिया पैंदे खां, भोपाल निवासी एक पत्नी के घर से एसटीएफ को सैकड़ों लड़कियों बायोडाटा, अंक पत्र, नौकरी के लिए भरे गए फॉर्म, एम्स के फर्जी लेटरहेड, फोटो सहित अन्य अहम दस्तावेज मिले हैं। दिलशाद ने ये दस्तावेज पड़ोसी का मकान किराए पर लेकर उसमें छिपा रखे थे।
एक सरकारी डॉक्टर का भी नाम आ रहा है सामने
इस मामले में मध्यप्रदेश एटीएस की जांच जारी है। ऐसे में गिरोह में शामिल एक सरकारी डॉक्टर का भी नाम सामने आ रहा है। जो भोपाल का ही रहने वाला है। जांच टीम आरोपी डॉक्टर की तलाश में जुट गई। इसके साथ ही आरोपियों ने और भी कई नाम लिए हैं, जो गिरोह से जुड़े थे। लेकिन एसटीएफ की टीम अभी जांच पूरी होने तक इन नामों का खुलासा नहीं कर रही है।
इस मामले में मध्यप्रदेश एटीएस की जांच जारी है। ऐसे में गिरोह में शामिल एक सरकारी डॉक्टर का भी नाम सामने आ रहा है। जो भोपाल का ही रहने वाला है। जांच टीम आरोपी डॉक्टर की तलाश में जुट गई। इसके साथ ही आरोपियों ने और भी कई नाम लिए हैं, जो गिरोह से जुड़े थे। लेकिन एसटीएफ की टीम अभी जांच पूरी होने तक इन नामों का खुलासा नहीं कर रही है।
4-6 लाख की करता था वसूली
दिलशाद और उसका साथी लड़कियों को एम्स में नौकरी दिलाने के नाम पर अपने जाल में फंसाता। यहीं नहीं लड़कियों को दिलशाद दिल्ली स्थित एम्स भी ले गया था। साथ ही कईयों को फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर भी जारी कर दिया था। वह लड़कियों से नौकरी के लिए 4-6 लाख रुपये की वसूली करता था। कुछ से वह पैसे नगद तो कुछ से खाते में लेता था।
दिलशाद और उसका साथी लड़कियों को एम्स में नौकरी दिलाने के नाम पर अपने जाल में फंसाता। यहीं नहीं लड़कियों को दिलशाद दिल्ली स्थित एम्स भी ले गया था। साथ ही कईयों को फर्जी ज्वॉइनिंग लेटर भी जारी कर दिया था। वह लड़कियों से नौकरी के लिए 4-6 लाख रुपये की वसूली करता था। कुछ से वह पैसे नगद तो कुछ से खाते में लेता था।