ट्रस्ट की जमीन लोगों को बेची, प्रशासनिक तंत्र पर भी उठ रहे सवाल
बिशप का फर्जीवाड़ा, संकट में फंसे रहवासी
जबलपुर. बिशप पीसी के फर्जीवाड़ा से मिशन कंपाउंड क्षेत्र में रहने वाले वे लोग संकट में आ गए है जिन्हें ब्लॉक संख्या 4 के प्लॉट नंबर 15 में अवैध तरीके से भूमि बेच दी गई। उन्होंने इस पर आलीशान मकान तैयार कर लिए हैं। ऐसे 42 लोगों की सूची प्रशासन के पास है। इसके लिए उसने सक्षम अधिकारी की अनुमति तक नहीं ली। यही नहीं इस फर्जीवाड़ा में प्रशासनिक तंत्र की विफलता भी उजागर हुई है। क्योंकि ट्रस्ट की जमीन कैसे बेच दी गई। इसकी रजिस्ट्री से लेकर नामांतरण पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।
अब मिशन कंपाउंड के पास एक लाख 70 हजार वर्गफीट जमीन को शासन मद में दर्ज करने की प्रक्रिया रांझी तहसील से प्रारंभ हो गई है। इस क्षेत्र की नापजोख भी जल्दी शुरू होगी। इसमें तमाम खसरों की जांच राजस्व विभाग करेगा। फिर तहसील कार्यालय से नजूल खसरा अपडेट किया जाएगा। इसमें युनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी की आवासीय लीज को रद्द करते हुए शासन दर्ज किया जाएगा। इसके उपरांत यह जमीन सरकारी हो जाएगी। इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
दो प्रकार की गड़बडि़यां ट्रस्ट को मिली जमीन आवासीय थी। इसलिए इसका उपयोग आवास के रूप में किया जा सकता था। लेकिन 26 हजार 700 वर्गफीट जमीन का नियम के विपरीत पट्टों की शर्तों का उल्लंघन करते हुए व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा था। इस पर इंडियन ओवरसीज बैंक और उसका एटीएम, खाद्य विभाग का क्षेत्रीय कार्यालय, सद्भावना भवन, विकास आशा केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनमें व्यावसायिक गतिविधियां संचालित होती हैं। इससे शासन के राजस्व पर भी असर हो रहा है। इसी प्रकार विशप पीसी सिंह ने संस्था की तकरीबन छह हजार वर्गफीट जमीन पर कब्जा कर उस पर निर्माण शुरू कराया है।
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कई जगहों से परमीशन
रहवासियों को बेचे गए प्लॉट की रजिस्ट्री से लेकर उसका नामांतरण भी किस प्रकार हो गया। इस पर भी मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। क्योंकि यह तमाम गड़बडि़यां जिला प्रशासन के मुख्यालय के पास होती रही है। इसेक बाद भी तत्कालीन अधिकारियों ने ध्यान नहीं दिया। यहां जमीन की कीमत बहुत ज्यादा है।
अपर कलेक्टर न्यायालय के के आदेश पर युनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी की आवासीय लीज को रद्द कर उसे शासन मद में दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके लिए खसरे को अपडेट किया जाएगा। जिन 42 लोगों को बिना अनुमति के जमीन बेची गई, उसकी भी जानकारी निकाली जा रही है।