होटल में बुलाया, गिरोह के लोगों से मिलवाया
25 सितम्बर को उसने पांच लाख रुपए दे दिए। आठ अक्टूबर को डॉ. एचएन ठाकुर ने फोन कर बताया कि कम्पनी के लोग होटल में रुके हैं। नौ अक्टूबर को वह ज्योति टॉकीज वाले होटल पहुंचा। वहां डॉ. एचएन ठाकुर ने रनवीर सिंह तोमर, राजीव देव, अजेंद्र सिंह राठौर, विपिन कुमार, उमेश कुमार, प्रताप नारायण गर्ग, आशीष कुमार, बसीरा इब्राहिम बाईहरसोलिया से मिलवाया।
10 लाख की नॉन कैंसलेशन डीडी बनवाने की बात कही
तनवीर ने वहां दो लाख रुपए डॉ. एचएन ठाकुर को दिए। इसके बावजूद उससे कश्यप इलेक्ट्रॉनिक के नाम से दस लाख की नान कैंसलेशन डीडी बनवाने की बात कही। इस पर उसे संदेह हुआ। उसने नेट पर कम्पनी के मारे में सर्च किया तो पता नहीं चला। पुलिस ने उक्त लोगों को हिरासत में लिया है।
15 करोड़ की सम्पत्ति दिखाने को कहा
ज्योति टाकीज के पास होटल में ठहरे कम्पनी के लोगों से आधार कार्ड मांगा तो देने से मना कर दिया। 25 करोड़ रुपए देने के बावत कहा कि पहले 15 करोड की सम्पति बताओ। इसके बाद कम्पनी 25 करोड़ रूपए देगी। संदेह पर उसने ओमती पुलिस को खबर दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी नौ आरोपियों को दबोच लिया।