2008 में खरीदा था प्लॉट
पुलिस के अनुसार, त्रिमूर्ति नगर निवासी अनिल यादव ने शिकायत में बताया, त्रिमूर्ति नगर में उसका 226 नम्बर का 2648 वर्गफुट का प्लॉट है। उसने सोसायटी से सन् 2008 में यह प्लॉट खरीदा था। कुछ दिन पहले रजिस्ट्री भी कराई है। उसका नाम खसरा में भी दर्ज है। उसने बताया, कुछ दिन पहले ओएफके घाना खमरिया निवासी रवि सिंह राजपूत अपने साथ शम्भू दुबे, रामगोपाल कुशवाहा, प्रदीप ठाकुर, आकाश ठाकुर को लेकर उसके घर पहुंचा। रवि ने कहा, यह प्लॉट उसका है। उसने 10 मई 2018 को ललित मोहन रायजादा से इस प्लॉट की रजिस्ट्री कराई है। उसके साथ आए लोग रजिस्ट्री में गवाह हैं। अनिल ने बताया, ललित मोहन का 221 नम्बर का प्लॉट 2400 वर्ग फुट का था। ललित ने वर्ष 2000 में दरहाई सराफा निवासी गणेश प्रसाद सोनी और दीक्षितपुरा निवासी कल्पना काले को प्लॉट बेच दिया था। ललित वर्तमान में मदन महल में रह रहा है। ललित ने बताया, उसने किसी रवि सिंह को प्लॉट नहीं बेचा है। रवि सिंह की ओर से प्रस्तुत की गई रजिस्ट्री में ललित के बजाय किसी और का फोटो चस्पा है।
गोली मारने की धमकी
अनिल यादव के मुताबिक रवि सिंह और अन्य लोग उस पर मामले में समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। पैसों की डिमांड की जा रही है। समझौता नहीं करने पर गोली मारने की धमकी भी दी है।
निगरानी बदमाश है रामगोपाल
फर्जीवाड़े में शामिल रामगोपाल क्षेत्र का निगरानी बदमाश है। उसके खिलाफ जिला बदर की कार्रवाई हुई है। टीआई ने बताया, जांच में रजिस्ट्रार कार्यालय की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। पुलिस ने पीपी कॉलोनी निवासी रवि सिंह और त्रिमूर्ति नगर निवासी प्रदीप ठाकुर को गिरफ्तार किया है।