अभाव में सिविल सेवा की तैयारी न कर पाने वाले युवाओं के लिए प्रशासनिक पहल से यह ज्ञानाश्रय नाम से मार्च में कोचिंग की शुरुआत की गई। यह शासकीय मॉडल स्कूल में चल रहा है। यहां शिक्षकों के साथ शनिवार और मंगलवार को कमिश्नर अभय वर्मा, कलेक्टर सौरभ सुमन, एसपी टीके विद्यार्थी, निगम कमिश्नर स्वप्निल वानखेड़े, अपर कलेक्टर सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी पढ़ाते हैं। दावा है कि यह प्रदेश का पहला ऐसा हाइटेक कोचिंग सेंटर है।
दो हजार छात्रों में से 200 का चयन
● सिविल सर्विसेस की तैयारी करने वालों का चयन मेरिट पर
● 2000 आवेदनों में से 200 का चयन टेस्ट के जरिए
● नि:शुल्क प्रवेश, फैकल्टी में स्वयंसेवी प्रतिभाओं को जोड़ा
● इतिहास, भूगोल के विशेषज्ञ भी पढ़ा रहे हैं।
लाइव क्लासेस में ये सुविधा
कक्षा में दूरस्थ क्षेत्रों के युवाओं की भागीदारी बढ़ाने अफसरों ने इसे हाईटेक बनाने का निर्णय किया। स्कूल के एक कमरे में लाइट, साउंड, एचडी कैमरा, रिकॉर्डिंग उपकरण, प्रोजेक्टर लगाए। अब दूर बैठे युवाओं को लाइव वीडियो उपलब्ध कराएंगे।
युवा लक्ष्य हासिल कर सकें, इसलिए नि:शुल्क तैयारी कराई जा रही है। 3 माह की पढ़ाई के बाद छात्र पहला अटैम्प्ट देंगे।
– आरएल मीणा, को-ऑर्डिनेटर, कोचिंग सेंटर