चीफ जस्टिस रवि मलिमठ व जस्टिस विशाल मिश्रा की बेंच ने राज्य सरकार, प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन व जिला निर्वाचन अधिकारी दमोह सहित अन्य को नोटिस जारी किए। जवाब के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया।
दमोह निवासी विवेक अग्रवाल की ओर से याचिका दायर की गई। अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि नगर पालिका दमोह की आरक्षण प्रक्रिया अनुचित है। प्रमुख सचिव, नगरीय प्रशासन ने मध्य प्रदेश के सभी कलेक्टर को नगर निगम व नगर पालिका में आरक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। इसके अलावा इस सम्बंध में मई, 2022 में आयुक्त नगरीय प्रशासन का पत्र भी है। इसमें राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पूर्व निर्धारित आरक्षण को ही उचित ठहराया गया था। लिहाजा, नए सिरे से परिवर्तित आरक्षण नहीं किया जाना चाहिए था।
अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि स्थानीय सांसद प्रतिनिधि ने कलेक्टर को पत्र लिखकर पुन: आरक्षण की मांग की थी। इसे मंजूर कर कलेक्टर ने पुन: आरक्षण की प्रक्रिया अपना ली। इससे साफ है कि राजनीतिक दबाव में मनमानी की गई है।अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार शुक्ला ने कहा कि स्थानीय सांसद प्रतिनिधि ने कलेक्टर को पत्र लिखकर पुन: आरक्षण की मांग की थी। इसे मंजूर कर कलेक्टर ने पुन: आरक्षण की प्रक्रिया अपना ली। इससे साफ है कि राजनीतिक दबाव में मनमानी की गई है।