ऑनलाइन टिफिन का भरोसा नहीं
ऑनलाइन ऑर्डर देने वाले ग्राहकों को पता नहीं होता कि खाद्य पदार्थ का निर्माण किसने और किन परिस्थितियों में किया है। अभी मुख्य रूप से हलवाइयों, होटलों या रेस्टोरेंट पर सरकार का नाममात्र का नियंत्रण है। खाद्य पदार्थों में अनुचित घटकों का प्रयोग करने वाले भ्रष्टाचार के सहारे अपने क्रियाकलापों में लगे रहते हैंं, और जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करते हैं।
यह होना चाहिए
किसी भी भोजनालय या खाद्य पदार्थों के निर्माता, विक्रेता के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय या एफएसएसएआई के अंतर्गत पंजीयन कराना आवश्यक होना चाहिए, जिससे उनके निर्माण पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सके। सेनेटरी अधिकारियों, स्वास्थ्य अधिकारियों पर कठोर नियंत्रण किया जाना चाहिए।
इनका रखें ध्यान
– पाश्चुरीकृत दूध से बनी वस्तुएं खऱीदें
– पैकेट व सील लगे दूध या दूध से बने खाद्य पदार्थ ही खरीदें
– खुला दूध या दही का उपयोग करने से बचें
– पनीर या दही में चिकनाहट नजर आ रही है तो उसे न लें
– डिब्बा बंद, सील और इस्तेमाल करने की अंतिम तारीख लगी हुई वस्तुएं ही खरीदें
– हमेशा साफ खड़े अनाज व दालें खरीदें
– यदि मसालों की महक बदल गई है, गांठ नजर आ रही हैं या रंगत अलग दिख रही है तो न खरीदें
– तरल पदार्थ साफ होने चाहिए। किसी प्रकार के बुलबुले नहीं होने चाहिए।