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सट्टे के धंधे में पुलिस वाले भी लेते थे बड़ा हिस्सा, ऐसे खुला राज, हडक़म्प

locationजबलपुरPublished: Jan 10, 2019 06:50:33 pm

Submitted by:

Premshankar Tiwari

सटोरिए की डायरी में और भी कई राज, 24 पुलिस कर्मी निलम्बित

gambler police personnel

सट्टे के धंधे में पुलिस वाले भी लेते थे बड़ा हिस्सा

जबलपुर। शहर में जुआ, सट्टा और मादक पदार्थों की तस्करी जमकर चल रही है। शहर में जुए के कई बड़े फड़ आबाद हैं, वहीं गली-मोहल्लों तक सट्टा पर्ची लिखने का गोरखधंधा चल रहा है। इस धंधे में कई जगह तो पुलिसकर्मी भी हिस्सेदार बने हुए हैं। इसका एक सनसनीखेज खुलासा भी एक सटोरिए की डायरी से हुआ है। डायरी में पुलिसकर्मियों के नाम के और उन्हें हर महीने दी जाने वाली रकम का भी उल्लेख है। पुलिसकर्मियों के नाम सामने आते ही पुलिस विभाग में हडक़म्प मच गया। इसके बाद एसपी अमित सिंह ने गोहलपुर थाने के सात हवलदार सहित 24 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया। वहीं टीआई को भी शोकॉज नोटिस दिया है।

10 लाख की सट्टा पट्टी
एसपी ने बताया कि राजुल सिटी के पास सटोरिया श्यामकुमार चौधरी के घर सट्टे की मुखबिर से सूचना मिली थी। एएसपी दीपक शुक्ला, प्रशिक्षु आईपीएस रवीन्द्र वर्मा को कार्रवाई के लिए भेजा गया। श्यामकुमार चौधरी के घर दबिश में पुलिस ने पांच हजार रुपए नकद, 10 लाख की सट्टा-पट्टी, मोबाइल फोन और डायरी जब्त हुई। डायरी को अधिकारियों ने देखा तो सन्न रह गए। डायरी में पुलिस कर्मियों से लेकर कई लोगों के नाम दर्ज हैं।

हर महीने पहुंचती है राशि
सटोरिए के पास जब्त डायरी में पुलिस कर्मियों को हर महीने दी जाने वाली रकम का भी ब्यौरा लिखा हुआ है। इन नामों को देखकर पुलिस अधिकारी हैरत पड़ गए। उन्होंने एसपी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को डायरी के बारे में अवगत कराया। इसके बाद एसपी ने तत्काल सेट पर जिले भर के पुलिस कर्मियों को हिदायत दी। ताकीद की कि स्मैक तस्करी में किसी पुलिस कर्मी का नाम आया तो उसे बर्खास्त कर दूंगा। डायरी में दर्ज पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया।

ये हुए निलम्बित
प्रधान आरक्षक-कैलाश मिश्रा, खेमकरण डेहरिया, प्रमोद कुमार दीक्षित, दीपक, ओमप्रकाश मिश्रा, रवीन्द्र नेगी व गोपाल सिंह और आरक्षक प्रिंस कुमार यादव, रंजीत यादव, मनीष तिवारी, राजेश नाग, राजेश तिवारी, ओम नारायण, रामगरीब, रत्नेश, दिनेश बघेल, नीरज राव, रमेश सिंह, वीरेन्द्र, राजेश चौरसिया, शिवशंकर द्विवेदी, विनय तिवारी, मानस उपाध्याय, हरिओम मिश्रा।

हर तरफ यही खेल
जानकार सूत्रों की मानें जबलपुर ही नहीं बल्कि कटनी और नरसिंहपुर जिले में भी जुआ-सट्टा, शराब, स्मैक व अन्य मादक पदार्थों की तस्करी का धंधा जोरों पर चल रहा है। हाल ही में जबलपुर शहर के लगभग बीचों बीच बेलबाग क्षेत्र के कुचबंधिया मोहल्ला में अवैध कच्ची शराब की पूरी फैक्ट्री पकड़ी गई थी। जानकार बताते हैं कि यह पूरा खेल कुछ वर्दी धारियों और सफेद पोश नेताओं के संरक्षण में चल रहा है। इसका हिस्सा बराबर पुलिस कर्मियों तक पहुंचता है। यही वजह है कि ये शातिर अपराधी गिरफ्त बाहर रहते हैं। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में कभी कभार यदि रेड या कार्रवाई की भी जाती है, तो पुलिस महकमे के ही कथित विभीषण इन अपराधियों को पहले से सचेत कर देते हैं। यही कारण है कि अपराधी हर बार बच निकलते हैं। सटोरिए की डायरी में मिले पुलिस कर्मियों के नाम भी इसका एक जीता-जागता सुबूत हो सकते हैं।

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