scriptतू नहीं तो कोई और सही, फर्जीवाड़े का खेल, रजिस्ट्री से लेकर लोन तक घालमेल | Game of forgery, from registry to lone | Patrika News

तू नहीं तो कोई और सही, फर्जीवाड़े का खेल, रजिस्ट्री से लेकर लोन तक घालमेल

locationजबलपुरPublished: Mar 05, 2019 01:25:33 am

Submitted by:

shyam bihari

14 महीने में 13 प्रकरणों में जालसाजों ने दूसरे की प्रॉपर्टी का किया फर्जीवाड़ा

news

BREAKING ऑनलाइन ठगी का शिकार हुई अध्यापिका, खाते से निकाले 20 हजार

केस-एक
27 जुलाई को केंट थाने में फर्जी तरीके से बैंक लोन का प्रकरण दर्ज कराया गया। पनागर निवासी शुभम की जुनमानी गांव स्थित 5.74 हेक्टेयर कृषि भूमि के फर्जी दस्तावेज बनाकर केनरा बैंक से सात लाख रुपए का लोन लिया गया। प्रकरण में देवेंद्र सोंधिया और उसके फूफा ससुर राजकुमार यादव को गिरफ्तार किया गया था।
केस-दो
वर्ष 2016 में पनागर के व्यास मोहल्ला निवासी देवेंद्र सोंधिया और उसके फूफा ससुर राजकुमार यादव ने अधारताल स्थित आइसीआइसीआइ बैंक से गौरीशंकर तिवारी के नाम चार लाख का लोन लिया। जबकि रिछाई निवासी गौरीशंकर तिवारी की वर्ष 2013 में ही मौत हो चुकी है।
केस-तीन
18 जुलाई 2018 को अधारताल में करोड़ों की जमीन का फर्जी दस्तावेज तैयार कर और बैंक में बंधक रखकर बांदा निवासी उत्तम सिंह ठाकुर और अधारताल निवासी सैय्यद अब्बास ने आठ ट्रक खरीदने के लिए सवा करोड़ रुपए का लोन लिया। बैंक से नोटिस मिलने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
केस-चार
9 फरवरी 2019 को केंट क्षेत्र में फर्जी तरीके से जालसाजों ने भू-स्वामी प्रेम सिंह गौड़ की मौत के तीन महीने बाद बैंक में बंधक रखकर तीन लाख का लोन ले लिया। बैंक से वसूली की नोटिस भेजे जाने पर मृतक की 65 वर्षीय पत्नी कुंडम निवासी सोहंदी बाई गौड़ को इसकी जानकारी लगी तो शिकायत दर्ज कराई।
केस-पांच
20 जनवरी 2019 में गोहलपुर के त्रिमूर्ति नगर निवासी अनिल यादव ने शिकायत दर्ज करायी कि उसका 2648 वर्गफीट का प्लॉट फर्जी तरीके से ओएफके घाना खमरिया निवासी रवि सिंह राजपूत ने रजिस्ट्री करा ली थी।
केस-छह
02 अप्रैल 2018 को भेड़ाघाट में सेना के रिटायर्ड मेजर दिल्ली निवासी रणवीर सिंह धनवालिया ने फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज करायी। बताया कि कुगंवा में ढाई एकड़ जमीन का फर्जी अनुबंध तैयार कर सौदा कर लिया था।

जबलपुर। शहर में जमीन का फर्जीवाड़ा चल रहा है। कभी बैंक लोन के नाम पर जमीन बंधक रख दी जाती है, तो कहीं दूसरे की जमीन का ही फर्जी तरीके से दूसरे लोगों को खड़ा कर रजिस्ट्री करा ली जाती है। वाहन खरीदने के लिए जमीन को बंधक रखने के प्रकरण भी सामने आ रहे हैं। फर्जीवाड़ा करने वाला पूरा एक गिरोह सक्रिय है। इसमें रजिस्ट्री एजेंट से लेकर अन्य लोग शामिल हैं। पिछले 14 महीने में 13 प्रकरण जमीन के फर्जीवाड़े से जुड़े सामने आए हैं। सभी में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।

जमीन फर्जीवाड़े में एक बात सामने आयी कि सभी प्रकरणों में जालसाजों की तरफ से आधार कार्ड पहचान पत्र के रूप में पेश किया गया। इसके बाद उसके नाम का फर्जी तरीके से खसरा और रकबा नम्बर पेश किया गया। 03 मई 2018 को विजय नगर में प्राइवेट फाइनेंस एजेंसी ने फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई थी। इसकी जांच हुई तो सामने आया कि जालसाजों ने दस्तावेज तैयार करने के साथ ही सरपंच, सचिव के नाम का सील-मुहर भी बनवा ली थी। आरोपी अधारताल के महाराजपुर निवासी प्रमोद और भगवानदास पटेल ने विजय नगर स्थित उक्त फाइनेंस करने वाली एजेंसी से छह लाख रुपए का लोन लिया था। किश्त नहीं मिलने पर फर्म ने छानबीन की तो ये जालसाजी सामने आई। पता चला कि जालसाजों ने खैरी गांव में विभिन्न अचल सम्पत्तियों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसमें सरपंच और सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर, फर्जी सील मुहर लगाकर पट्टे बना लिए।
इन थाना में मामले दर्ज
ओमती, भेड़ाघाट, पनागर, अधारताल, केंट, ग्वारीघाट, गोरखपुर, गढ़ा, संजीवनी नगर, विजय नगर, माढ़ोताल
इस तरह हो रहा फर्जीवाड़ा
-अनुबंध कर जमीन का सौदा करना
-दूसरे की जमीन को अपना बचाकर रजिस्ट्री कर देना
-वाहन लोन के एवज में जमीन को बंधक रखना
-बैंक से लोन लेने में जमीन को बंधक रखना
-रजिस्ट्री के समय आइडी के तौर पर आधार कार्ड और रजिस्ट्रीकर्ता का फोटो मिलान होता है
-खसरा और नक्शा का मिलान किया जाता है

-ऑनलाइन सिस्टम में भी ये फर्जीवाड़ा नहीं रुक पा रहा

ट्रेंडिंग वीडियो