जबलपुर। शहर में जमीन का फर्जीवाड़ा चल रहा है। कभी बैंक लोन के नाम पर जमीन बंधक रख दी जाती है, तो कहीं दूसरे की जमीन का ही फर्जी तरीके से दूसरे लोगों को खड़ा कर रजिस्ट्री करा ली जाती है। वाहन खरीदने के लिए जमीन को बंधक रखने के प्रकरण भी सामने आ रहे हैं। फर्जीवाड़ा करने वाला पूरा एक गिरोह सक्रिय है। इसमें रजिस्ट्री एजेंट से लेकर अन्य लोग शामिल हैं। पिछले 14 महीने में 13 प्रकरण जमीन के फर्जीवाड़े से जुड़े सामने आए हैं। सभी में पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है।
जमीन फर्जीवाड़े में एक बात सामने आयी कि सभी प्रकरणों में जालसाजों की तरफ से आधार कार्ड पहचान पत्र के रूप में पेश किया गया। इसके बाद उसके नाम का फर्जी तरीके से खसरा और रकबा नम्बर पेश किया गया। 03 मई 2018 को विजय नगर में प्राइवेट फाइनेंस एजेंसी ने फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज कराई थी। इसकी जांच हुई तो सामने आया कि जालसाजों ने दस्तावेज तैयार करने के साथ ही सरपंच, सचिव के नाम का सील-मुहर भी बनवा ली थी। आरोपी अधारताल के महाराजपुर निवासी प्रमोद और भगवानदास पटेल ने विजय नगर स्थित उक्त फाइनेंस करने वाली एजेंसी से छह लाख रुपए का लोन लिया था। किश्त नहीं मिलने पर फर्म ने छानबीन की तो ये जालसाजी सामने आई। पता चला कि जालसाजों ने खैरी गांव में विभिन्न अचल सम्पत्तियों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसमें सरपंच और सचिव के फर्जी हस्ताक्षर कर, फर्जी सील मुहर लगाकर पट्टे बना लिए।
इन थाना में मामले दर्ज
ओमती, भेड़ाघाट, पनागर, अधारताल, केंट, ग्वारीघाट, गोरखपुर, गढ़ा, संजीवनी नगर, विजय नगर, माढ़ोताल
इस तरह हो रहा फर्जीवाड़ा
-अनुबंध कर जमीन का सौदा करना
-दूसरे की जमीन को अपना बचाकर रजिस्ट्री कर देना
-वाहन लोन के एवज में जमीन को बंधक रखना
-बैंक से लोन लेने में जमीन को बंधक रखना
-रजिस्ट्री के समय आइडी के तौर पर आधार कार्ड और रजिस्ट्रीकर्ता का फोटो मिलान होता है
-खसरा और नक्शा का मिलान किया जाता है
-ऑनलाइन सिस्टम में भी ये फर्जीवाड़ा नहीं रुक पा रहा