संतों में असंतोष है
बढ़ रहे धर्मांतरण के मामले-सदर में आयोजित धर्मसभा में साध्वी ने कहा, धर्मांतरण के मामले बढ़ रहे हैं। लव जेहाद का दौर शुरू हो गया है। अतिक्रमणों से व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही हैं। गंगा, नर्मदा सहित अन्य पवित्र नदियों में नालों का पानी मिल रहा है। गंगा साफ नहीं हो पा रही है। जब तक पवित्र नदियों में नालों का, फैक्ट्रियों का गंदा पानी मिलता रहेगा। नदियां साफ औ पवित्र नहीं हो सकेंगी। सरकार इसके लिए योजना पर काम कर रही है लेकिन अभी तक उतनी सफलता नहीं मिली है। गंगा को स्वच्छ करने के लिए साधु संत भी लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दुत्व का सम्मान नहीं होने से संतों में असंतोष है।
इनकी रही मौजूदगी-
इस दौरान संगठन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल, हिंदू सेवा परिषद के अध्यक्ष अतुल जेसवानी, निखिल ज्ञानचंदानी, भारत रक्षा मंच के संस्थापक सूर्यकांत केलकर, हिन्दू जनजागृति समिति के योगेश वनमोरे, कमलेश कन्नौजिया, भागचंद पटेल, नीरज राजपूत, कोमल सिंह, अविनाश शुक्ला, निखिल साहनी, कार्तिक श्रीवास, अभिषेक दाहिया, राहुल हरबल, रंजीत रजक, विकास एवं अरविंद मौजूद थे।
बेस्ट हिन्दू स्कॉलर अवार्ड
साध्वी सरस्वती ने बताया, उनके दादा आचार्य रामसंजीवन मिश्रा कथावाचक थे। तीसरी कक्षा के बाद उन्होंने भक्ति का मार्ग अपना लिया। वर्ष 2015 में उन्हें ब्रिटिश पार्लियामेंट ने बेस्ट हिन्दू स्कॉलर अवार्ड दिया। साध्वी वर्तमान में रतलाम में नि:शुल्क गोसेवा एम्बुलेंस संचालित कर रही हैं।