गंगा सप्तमी के दिन गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। इस तिथि में गंगा तीर्थ में स्नान-दान विशेष फलदायी होता है। गंगा तट के दूर के श्रद्धालुओं ने नर्मदा तीर्थ में स्नान कर गंगा जल का पान किया।
नर्मदा नदी के ग्वारीघाट, सिद्ध घाट, दरोगाघाट, तिलवाराघाट में सुबह से ही लोगों का पहुंचना शुरू हो गया था। तट के समीप स्थित भगवान शनिदेव के मंदिर में भी देर शाम तक भक्तों का तांता लगा रहा। भेड़ाघाट स्थित सरस्वतीघाट में भी बड़ी संख्या में लोगों ने स्नान दान किया।
ग्वारीघाट के तीर्थ पुरोहित अभिषेक मिश्रा ने बताया, गंगा सप्तमी के विशेष संयोग पर भक्तों ने नर्मदा तट पर गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक किया। नर्मदा तट पर भगवान शिव की उपासना फलदायी होती है। गुप्तेश्वर महादेव मंदिर, गैबीनाथ महादेव मंदिर, शिव मंदिर भरतीपुर, पाट बाबा शिव मंदिर सहित अन्य शिव मंदिरों में भी भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया।
नर्मदा से मिलने आती हैं मां गंगा
गंगा मैया आज माता नर्मदा से मिलबे आई हो। कर लो गुहार, सुनहें सबकी पुकार माई हो। भेड़ाघाट के समीप स्थित गौ-बच्छा घाट में गंगा सप्तमी पर शनिवार को गंगा-नर्मदा की यह स्तुति गुंजायमान थी। श्रद्धालुओं ने सिद्धेश्वर जलप्रपात एक और दो के नर्मदा में मिलने से बने त्रिवेणी स्थल में स्नान किया। पं. श्याम सुंदर द्विवेदी ने बताया, ऐसी मान्यता है कि गंगा सप्तमी पर मां नर्मदा से मिलने इस घाट पर गंगा मैया आती हैं। गौ-बच्छा घाट पर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक भंडारे का आयोजन किया गया। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।