scriptलाखों का गांजा बगल में था, चूहे बन रहे थे गंजेड़ी, पुलिस सूंघ भी नहीं पाई | Ganja was kept in a seized loading vehicle | Patrika News

लाखों का गांजा बगल में था, चूहे बन रहे थे गंजेड़ी, पुलिस सूंघ भी नहीं पाई

locationजबलपुरPublished: Dec 09, 2019 07:40:05 pm

Submitted by:

shyam bihari

जब्त लोडिंग वाहन में रखा था गांजा, पुलिस कर रही थी दूसरी कार्रवाई
Ganja was kept in a seized loading vehicle, police was doing second action

जबलपुर। तस्करों ने जबलपुर पुलिस का ऐसा गच्चा दिया कि उसका सिर चकरा गया। यहां के कटंगी थाने में एक सप्ताह तक 20 लाख रुपए का गांजा रखा रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी। गांजों की बोरियों पर चूहे धमाचौकड़ी मचाकर गंजेड़ी जरूर बन रहे थे। तस्करों ने लोडिंग वाहन के डाले में लोहे का अलग से बेस डाल रखा था। उसी के अंदर गांजा रखा था। एक दिसम्बर को लोडिंग वाहन तोडफ़ोड़ की सूचना पर लावारिश हालत में जब्त किया गया था। जब गांजा पकड़ लिया गया तो जबपलुर एसपी ने मोर्चा सम्भाला। उन्होंने बताया कि एक दिसम्बर को बेलखाड़ू चौकी के हरदुआ गांव में झगड़े की सूचना मिली थी। पुलिस टीम पहुंची तो वहां लोडिंग वाहन यूपी 94 टी 3934 का कांच टूटा मिला। वाहन में ऑयल के तीन खाली ड्रम मिले। इस वाहन को 25 पुलिस एक्ट में जब्त कर थाने में रखवाया गया था। लेकिन, वे यह बता रहे थे कि आखिर गांजे की इतनी बड़ी तस्करी की जानकारी उनके महकमे को एक हफ्ते तक क्यों पता नहीं चली? यह संयोग ही था कि गांजा छिपाए जाने की मुखबिर से सूचना ऐन मौके पर मिल गई। वरना, वाहन पर कार्रवाई करके छोड़ दिया जाता।
क्लीनर को भेजा था थाने
जबलपुर के एएसपी रायसिंह नरवरिया व एसडीओपी पाटन रोहित काशवानी ने बताया कि गिरफ्त में आए क्लीनर कपिल रैकवार को वाहन मालिक राकेश साहू ने वाहन सुपुर्दनामे में लेने के लिए शुक्रवार को थाने भेजा था। क्लीनर ने थाने में बताया कि एक दिसम्बर को कुछ लोग धमकी देकर पैसा मांग रहे थे। विरोध करने पर तोडफ़ोड़ कर दी। डर की वजह से वह और चालक हरिया विश्वकर्मा भाग गए थे। इसी समय पुलिस को मुखबिर से वाहन में गांजा रखे होने की सूचना मिली और इस पूरे प्रकरण का भंडाफोड़ हुआ। पूछताछ में बताया कि वाहन मालिक ने जबलपुर भेजा था।

पुलिस का कहना है कि तस्करों ने इतना दिमाग लगाया था कि उस तरफ किसी का ध्यान जाने का सवाल ही नहीं था। सबको लग रहा था कि वाहन में खाली ड्रम रखे गए हैं। लेकिन, जब पुलिस से पूछा गया कि आखिर पूरे वाहन की पड़ताल क्यों नहीं की गई? यह पता लगाने की कोशिश क्यों नहीं की गई कि एंगल लगाने का मकसद क्या है? इस बारे में बताने के बजाय पुलिस यह कहकर अपनी ही पीठ थपथपा रही थी कि उसने इतनी बड़ी तस्करी का खुलासा किया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो