बताया जा रहा है कि रानी दुर्गावती विश्वविद्यलाय प्रशासन ने छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा उपलब्ध कराने के लिहाज से ये नए पाठ्यक्रम की शुरूआत की है। इन नए कोर्स में कुछ डिप्लोमा तो कुछ डिग्री वाले हैं। यूनिवर्सिटी प्रशासन के मुताबिक नए कोर्स के तहत गर्भसंस्कार, रामचरित मानस की प्रासंगिकता और कर्मकांड जैसे विषयों के पठन-पाठन के लिए लागू किया गया है। इन नए पाठ्यक्रमों में दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। कुलपति प्रो. कपिलदेव मिश्रा का कहना है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए कई नए कोर्स तैयार किए गए हैं। इसी सत्र से इसकी पढ़ाई होगी।
कुलपति प्रो. मिश्रा के अनुसार, रामचरित मानस की प्रासंगिकता विषय में दो सेमेस्टर का डिप्लोमा कोर्स होगा। इसमें वर्तमान परिप्रेक्ष्य में युवाओं को खुद को बलवान और चुनौतियों से लड़ने के लायक समर्थवान बनने की प्रेरणा दी जाएगी। इसके साथ ही डिप्लोमा इन जिम इंस्ट्रक्टर का भी दो सेमेस्टर का डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जा रहा है। इसके अलावा डिप्लोमा इन कर्मकांड और गर्भसंस्कार की पढ़ाई भी शुरू होने जा रही है।
इन सब के साथ महिला सशक्तिकरण विषय पर तीन महीने का सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किया गया है। साथ ही एनॉलेटिकल सपेक्ट्रोस्कोपी व क्रोमेटोग्राफी, मटेरियल कैरक्टराइजेशन का सर्टिफिकेट कोर्स की भी पढाई होगी। बताया कि जिम इंस्ट्रक्टर का कोर्स पहले ही शुरू किया जा चुका है। यूनिवर्सिटी का खुद का आधुनिक जिम है जहां छात्र-छात्राओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
यूनिवर्सिटी में अब एग्रीकल्चर की भी पढ़ाई होगी। विद्या परिषद की मंजूरी के बाद बीएससी ऑनर्स एग्रीकल्चर की पढ़ाई इसी सत्र से शुरू की जा रही है। यूनिवर्सिटी ने इसके लिए प्रो. सुरेंद्र सिंह को प्रभारी बनाया है। उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा तैयार पाठ्यक्रम को आरडीयू भी अपनाएगा। पहले चरण में 60 सीटों पर प्रवेश दिया जाएगा। यह कोर्स स्ववित्तीय होगा। विश्वविद्यालय इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय से एमओयू करेगा। जरूरत पड़ने पर वहां के रिटायर्ड शिक्षकों की भी मदद ली जाएगी।