जानकारी के मुताबिक सुहजनी गांव के पुन्नूलाल पटेल ने 15 फुट गहरे पुराने कुएं में बोरिंग करवाई थी। बोरिंग में सबमर्सिबल पम्प डालने के लिए रविवार सुबह गांव के उमेश पटेल (32), दादू प्रसाद पटेल (55), भुवनेश्वर पटेल, सुनील पटेल और अन्नू दाहिया कुए में उतरे। पांचों लोग जैसे ही कुएं के नीचे पहुंचे, सभी को सांस लेने में दिक्कत के साथ ही बेहोशी छाने लगी। उमेश और दादू कुएं में बेहोश होकर गिर पड़े। भुवनेश्वर के आवाज लगाने पर आसपास खेत में काम कर रहे लोग कुएं की तरफ दौड़े। आनन-फानन में रस्सी डालकर उन्होंने भुवनेश्वर पटेल, सुनील पटेल और अन्नू भूमिया को तो बाहर निकाल लिया, लेकिन उमेश और दादू काफी देर तक कुएं में पड़े रहे। ग्रामीणों ने घटना की सूचना सिहोरा एफआरवी और 108 एम्बुलेंस को दी।
डेढ़ घंटे तक मदद का करते रहे इंतजार
ग्रामीणों के मुताबिक 108 एम्बुलेंस और सिहोरा एफआरवी का वह डेढ़ घंटे तक इंतजार करते रहे। मदद नहीं मिलने पर खुद रस्सी के सहारे कुएं में उतरे और बेहोश पड़े दादू और उमेश को बाहर निकाला। तब तक सिहोरा हंड्रेड डायल मौके पर पहुंच गई। हंड्रेड डायल से उमेश और दादू को सिहोरा सिविल अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान उमेश की मौत हो गई। वहीं दादू की हालत नाजुक बनी हुई है। उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस के अनुसार जानकारों के मुताबिक कुएं के अंदर मीथेन या कार्बन मोनोऑक्साइड गैस के रिसाव की संभावना जताई जा रही है। हालांकि अभी यह पता नहीं चल सकता है कि कुएं कौन सी गैस का रिसाव हो रहा है। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए भिजवाते हुए मामला जांच में लिया है।