जबलपुर

छात्राओं की सुरक्षा हो बेहतर, निडर होकर निकले कॉलेज से घर

मुद्दा: बेटियों की सुरक्षा के लिए सरकार करे उपाय, रोजगार के अवसर बढ़ाएं जाएं, पत्रिका मुद्दा में मानकुंवर बाई महिला महाविद्यालय की बोली छात्राएं

जबलपुरMar 28, 2019 / 11:29 pm

Mayank Kumar Sahu

Girl friends are better, fearless, they get home from college

जबलपुर।

कॉलेज हो अथवा स्कूल आने जाने वाली छात्राओं की सुरक्षा के माकूल इंतजाम नहीं हैं। छात्राएं हो या युवतियां सभी कहीं न कही सुरक्षा के प्रति चितिंत रहती हैं। आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया जाना चाहिए जाति वार। कॉलेज गोइंग छात्राओं, महिलाओं को नौकरियों में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर सरकार को बढ़ाए जाने चाहिए। कॉलेजों में मूलभूत सुविधाओं में भी सुधार किए जाने की आवश्यकता है। कुछ एेसे ही विचार शासकीय मानकुवंर बाई महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने ‘पत्रिका मुद्दा’ के माध्यम से अपनी बात रखी।

बेरोजगारों की फौज, नौकरियां कम

छात्रा इंसा जैतिमा ने कहा कि कॉलेजों से पढक़र बाहर निकलने वाले युवाओं की फौज लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन उसके अनुसार रोजगार के अवसर नहीं बढ़ रहे हैं। यूपीएससी की परीक्षा में ८९६ पद निकाले गए लेकिन आवेदकों की संख्या १२ लाख है। एेसे में किसका चयन होगा।आने जाने में लगता है डरछात्रा मोहम्मदी नाहे नूरू, साक्षी अहिरवार, त्राशि प्रजापति ने कहा कि आज लड़कियां सुरक्षित नहीं है। घर से बाहर निकलते ही मनचलों की निगाहें उन्हें घूरती रहती हैं। रेड कोड जैसी व्यवस्था संचालित तो की जा रही है लेकिन ये भी अपने कर्तव्यों के प्रति जिम्मेदार नहीं है। छात्राओं, महिलाओं को हमेशा असुरक्षा का डर सताता है।

बेटियां रहे सुरक्षित

छात्रा नंदी पाटकर ने कहा कि बेटियों के प्रति लगातार बढ़ रही असुरक्षा से अभिभावक भी सहमें है। हालात यह हैं कि लोग बेटी के पैदा होते ही उसके बड़ी होने तक डर सताया रहता है। बेटियों को जन्म देना नहीं चाहते। इस विषय पर सरकार को कोई ठोस प्रयास करने की जरूरत है ताकि बेटियां सुरक्षित रहें।

आरक्षण आर्थिक आधार पर हो

शिल्पी शुक्ला, अनामिका कामाख्या, सोनम रजक आदि छात्राओं ने कहा कि आरक्षण का क्राइटेरिया डिसाइड नहीं है। जबकि आरक्षण आर्थिक आधार पर होना चाहिए न कि जातिगत आधार पर। इससे छात्र छात्राओं में हीन भावना न रहे। कॉलेजों में मूलभूत सुविधाओं को बढ़ाया जाए। प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को कॅरियर संवारने की दिशा में प्रयास किए जाएं ताकि वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकें।

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