जबलपुरPublished: Oct 04, 2021 07:10:48 pm
prashant gadgil
हाईकोर्ट ने किशोरी को दिया मां के हवाले करने का निर्देश
Jabalpur High Court
जबलपुर. मप्र हाईकोर्ट ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर निर्देश दिए कि याचिकाकर्ता की बलात्कार पीडि़त नाबालिग पुत्री जब भी अभियुक्तों के विरुद्ध गवाही देने के लिए ट्रायल कोर्ट जाए तो पुलिस उसे पूरी सुरक्षा प्रदान करे। जस्टिस नन्दिता दुबे की सिंगल बेंच ने कहा कि आदेश का कठोरता से पालन किया जाए। कोर्ट ने इस निर्देश के साथ ने याचिका का निराकरण कर दिया। रेप पीडि़त किशोरी की मां ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर कहा कि उसकी नाबालिग बेटी के साथ बलात्कार किया गया। इस मामले में ट्रायल कोर्ट में अभी उसकी बेटी की गवाही नहीं हुई है। आशीष त्रिवेदी, असीम त्रिवेदी आदि ने कोर्ट को बताया कि पिछले कुछ दिनों से जेल में बंद अभियुक्त की ओर से अपने रिश्तेदारों के जरिए बयान बदलने दबाव बनाया जा रहा है। 18 सितंबर को याचिकाकर्ता की बेटी अचानक गायब हो गई। याचिकाकर्ता ने यह आशंका जाहिर करते हुए पुलिस को सूचित किया कि अभियुक्त पक्ष ने ही उसकी बेटी को बंदी बनाया है। पुलिस ने याचिकाकर्ता की बेटी को हाईकोर्ट के निर्देश पर कोर्ट में प्रस्तुत किया। किशोरी ने कोर्ट को बताया कि जेल में निरुद्ध अभियुक्त के भाई ने याचिकाकर्ता को धमकी दी थी कि वह यदि न्यायालय में अपने बयान नहीं बदलेगी तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। धमकी के डर से वह भाग गई और छिपी रही। वह अपनी मां के साथ रहना चाहती है।