42 करोड़ खर्च, 21 वसूले-
शहर को पानी पिलाने में नगर निगम हर साल 42 करोड़ रुपए खर्च करता है। इस खर्च के मुकाबले जलशुल्क वसूली आधी भी नहीं हो पाती। पिछले साल 20 करोड़ 70 लाख रुपए ही जलशुल्क वसूली हो पाई थी। हालांकि जारी वित्तीय वर्ष में अब तक 21 करोड़ 66 लाख रुपए से ज्यादा जलशुल्क वसूला जा चुका है। दो महीने में जलशुल्क वसूली का आंकड़ा बढ़ेगा, लेकिन इसके 35 करोड़ से पार जाने की उम्मीद निगम अमले को भी नहीं।
शहर को पानी पिलाने में नगर निगम हर साल 42 करोड़ रुपए खर्च करता है। इस खर्च के मुकाबले जलशुल्क वसूली आधी भी नहीं हो पाती। पिछले साल 20 करोड़ 70 लाख रुपए ही जलशुल्क वसूली हो पाई थी। हालांकि जारी वित्तीय वर्ष में अब तक 21 करोड़ 66 लाख रुपए से ज्यादा जलशुल्क वसूला जा चुका है। दो महीने में जलशुल्क वसूली का आंकड़ा बढ़ेगा, लेकिन इसके 35 करोड़ से पार जाने की उम्मीद निगम अमले को भी नहीं।
अब तक वसूली की स्थिति
सम्पत्तिकर 43 करोड़ 29 लाख 13 हजार 577 रुपए, जलशुल्क 21 करोड़ 66 लाख 68 हजार 14 रुपए, बाजार विभाग 02 करोड़ 22 लाख 38 हजार 396 रुपए, भवन शाखा 08 करोड़ 45 लाख 27 हजार 323 रुपए, लीज सेक्शन 02 करोड़ 64 लाख 01 हजार 721 रुपए, कॉलोनी सेल 21 करोड़ 54 लाख 87 हजार 641 रुपए, होर्डिंग 01 करोड़ 15 लाख 42 हजार 38 रुपए, अन्य 12 करोड़ 35 लाख 11 हजार 678 रुपए206 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट मिला है।
सम्पत्तिकर 43 करोड़ 29 लाख 13 हजार 577 रुपए, जलशुल्क 21 करोड़ 66 लाख 68 हजार 14 रुपए, बाजार विभाग 02 करोड़ 22 लाख 38 हजार 396 रुपए, भवन शाखा 08 करोड़ 45 लाख 27 हजार 323 रुपए, लीज सेक्शन 02 करोड़ 64 लाख 01 हजार 721 रुपए, कॉलोनी सेल 21 करोड़ 54 लाख 87 हजार 641 रुपए, होर्डिंग 01 करोड़ 15 लाख 42 हजार 38 रुपए, अन्य 12 करोड़ 35 लाख 11 हजार 678 रुपए206 करोड़ रुपए वसूली का टारगेट मिला है।
92 करोड़ की वसूली बाकी
निगम की वसूली टारगेट से लगभग 92 करोड़ रुपए पीछे है। 31 मार्च तक किसी भी हालत में वसूली पूरी करने के निर्देश निगम प्रशासन ने राजस्व विभाग को दिए हैं। वसूली में फिसड्डी साबित हो रहे कर्मियों को नोटिस देने व निलम्बित करने की तैयारी शुरू हो गई है।
निगम की वसूली टारगेट से लगभग 92 करोड़ रुपए पीछे है। 31 मार्च तक किसी भी हालत में वसूली पूरी करने के निर्देश निगम प्रशासन ने राजस्व विभाग को दिए हैं। वसूली में फिसड्डी साबित हो रहे कर्मियों को नोटिस देने व निलम्बित करने की तैयारी शुरू हो गई है।
अब तक 113 करोड़ रुपए ही वसूले जा सके हैं। दो माह में टारगेट पूरा करने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
पीएन सनखेरे, उपायुक्त राजस्व
पीएन सनखेरे, उपायुक्त राजस्व