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कुलपति ने थमाया महापौर को गोबर का गमला, फिर महापौर ने ये कहा

locationजबलपुरPublished: Aug 06, 2017 10:19:00 am

Submitted by:

Lalit kostha

महापौर से मिलने पहुंचे कुलपति, महाविद्यालय की मंजूरी के लिए निगम करेगा प्रयास, जल्द मिलेगी अच्छी सौगात

gobar ka gamla

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जबलपुर। शहर में शनिवार को एक अजीब वाक्या हुआ। जब वेटरनरी यूनिवर्सिटी के कुलपति एक औपचारिक मुलाकात के लिए महापौर से मिलने पहुंचे। उन्होंने सामान्य लोगों की तरह नमस्कार किया, फिर महापौर को पुष्प गुच्छ आदि देने के बजाये उन्होंने गोबर का गमला थमा दिया। पहले तो वहां मौजूद लोग कुछ समझ नहीं पाए। फिर जब उन्हें हकीकत पता चली तो वे भी सोच में पड़ गए। दरअसल वेटरनरी यूनिवर्सिटी ने एक प्रयोग में सफलता प्राप्त की है। जिसके बाद अब वह स्वयं ईको फ्रेंडली गमले तैयार कर रहा है। वहीं भी गाय भैंस के गोबर से। जिसे कुलपति ने महापौर को सप्रेम भेंट किया है। उल्लेखनीय है कि वेटरनरी विश्वविद्यालय बनने के बाद से ही यहां कई रिसर्च चल रही हैं। जो कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होने की काबलियत रखती हैं। इन्हीं में से एक गोबर का गमला भी शामिल है।

खुलेगा डेरी एवं फूड साइंस महाविद्यालय
प्रदेश सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे डेरी एवं फूड साइंस महाविद्यालय को हरी झंडी दिलाने के लिए नगर सरकार प्रयास करेगी। शनिवार को महापौर स्वाति गोडबोले ने कुलपति डॉ. प्रयागदत्त जुयाल को यह आश्वासन दिया। नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति शिष्टाचार भेंट के लिए महापौर से मिलने पहुंचे थे। उन्होंने विश्वविद्यालय में निर्मित पंचगव्य किट, हवन टिकिया, मच्छररोधी कुंडली व पर्यावरण हितैषी गोबर गमला महापौर को भेंट किए।

कुलपति ने महापौर को बताया कि विश्वविद्यालय शहर के नर्सरी संचालकों को गोबर गमले निर्माण की टे्रनिंग देगा। उनके द्वारा पॉलीथिन में रोपित पौधे का विक्रय किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में ये गोबर के गमले पर्यावरण की रक्षा में अच्छे मददगार साबित होंगे। इन्हें बनाने में ज्यादा खर्च भी नहीं आता है और विशेष तकनीक से बनाने पर ये पानी के संपर्क में रहने पर भी खराब नहीं होते हैं। महापौर ने यूनिवर्सिटी के प्रयासों की सराहना करते हुए हर संभव मदद की बात कही। इस दौरान एमआईसी मेम्बर श्रीराम शुक्ला, नवीन रिछारिया, मनप्रीतसिंह आनंद मौजूद थे।

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