भारत मिल्क प्रोडेक्शन में नम्बर वन पर है। देश में 174.6 मिलियन टन दूध का उत्पादन हो रहा है। देश में मध्यप्रदेश दूध उत्पादन में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। प्रदेश में 14.6 मिलियन टन दूध का उत्पादन हो रहा है।
इमलिया में कॉलेज खोलने का प्रस्ताव
विवि की इमलिया क्षेत्र में कई एकड़ भूमि रिक्त है। 18 एकड़ भूमि पर इसका निर्माण किया जाएगा। यह जगह जबलपुर दुग्ध संघ के नजदीक है। राज्य शासन ने बजट में 2 करोड़ रुपए जारी किए हैं। निर्माण कार्य शुरू होते ही इस राशि में इजाफा हो सकेगा। कॉलेज के लिए करीब सवा सौ करोड़ की आवश्यकता जताई गई है।
कॉलेज में तैयार होंगे 40 डेयरी इंजीनियर
डेयरी साइंस कॉलेज खुलने से डेयरी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू होगी। डिग्री कोर्स के माध्यम से पहले चरण में 40 सीटों के साथ इसकी शुरुआत की जाएगी। कॉलेज में प्रवेश एआइ ट्रिपल इ के माध्यम से किया जाएगा। पाठयक्रम में मिल्क,फूड प्रोसेसिंग, फूड इंजीनियरिंग की पढ़ाई कराई जाएगी। देश में केवल तीन जगह ही ये संस्थान हैं। राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ में डेयरी साइंस से जुड़ी पढ़ाई हो रही है। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीडी जुयाल ने कहा कि डेयरी साइंस टेक्नोलॉजी कॉलेज शहर अपितु प्रदेश के लिए वरदान होगा। विवि प्रशासन ने काफी हद तक पहले से इसकी तैयारी शुरू कर दी थी। शासन से बजट में अनुशंसा किए जाने के बाद अब हम इस दिशा में तेजी से काम शुरू करेंगे।
दुग्ध संघ के साथ पहले ही समझौता
विवि प्रशासन लम्बे समय से डेयरी साइंस कॉलेज की स्थापना के लिए प्रयासरत है। कार्ययोजना लागू करने के लिए विवि जबलपुर दुग्ध संघ के साथ छह माह पूर्व ही एमओयू साइन कर चुका है। कॉलेज में पढऩे वाले छात्र दुग्ध संघ के प्लांट के माध्यम से प्रैक्टिकल, अनुसंधान जैसे कार्य कर सकेंगे।
ये है स्थिति
– 18 एकड़ में लेगा कॉलेज आकार
– 50 फीसदी प्रक्रिया पहले ही कर ली पूरी
– 40 सीटों के साथ होगी शुरुआत
– 02 करोड़ रुपए अभी बजट में, जल्द और मिलेंगे