जीसीएफ सहित चारों आयुध निर्माणियों में 33 फीसदी कर्मचारियों के साथ उत्पादन कार्य शुरू किया गया है। ऐसे में पूरी क्षमता के साथ उत्पादन प्रारंभ होना मुश्किल है। लेकिन हर सेक्शन में मशीनों के मेंटीनेंस के अलावा धनुष इंटीग्रेटेड सेंटर में तोप संबंधी काम किए जा रहे हैं। लॉकडाउन से पूर्व 155 एमएम 45 कैलीबर धनुष तोप का काफी काम पूरा हो चुका था। मार्च के बीच में शहर में टोटल लॉकडाउन लगने से फैक्ट्री भी बंद कर दी गई थीं। सूत्रों ने बताया कि अब जून तक एक अपग्रेड तोप को तैयार कर इसे पोकरण भेजा जाएगा। वहीं तोप का नियमित उत्पादन चलता रहेगा।
बालासोर से नहीं लौटी तोप
38 किमी तक निशाना साधने वाली एक धनुष तोप को ओडिशा के बालासोर परीक्षण के लिए भेजा गया था। फरवरी में पहले दौर की फायरिंग हुई लेकिन बाद में लॉकडाउन लग गया। इस कारण जीसीएफ से गई टीम के कई सदस्य वापस नहीं लौट पाए। तोप भी फायरिंग रेंज में रखी हुई है।
38 किमी तक निशाना साधने वाली एक धनुष तोप को ओडिशा के बालासोर परीक्षण के लिए भेजा गया था। फरवरी में पहले दौर की फायरिंग हुई लेकिन बाद में लॉकडाउन लग गया। इस कारण जीसीएफ से गई टीम के कई सदस्य वापस नहीं लौट पाए। तोप भी फायरिंग रेंज में रखी हुई है।