नवाचार: पांच हजार से अधिक वकीलों ने कराया रजिस्ट्रेशन
हाईकोर्ट की हालिया रिपोर्ट बताती है कि जुलाई 2021 से दिसम्बर 2021 तक की अवधि में ही 5136 वकीलों व 421 पक्षकारों ने ई फाइलिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराए। इसी अवधि में 8192 मामले ई फाइलिंग के जरिए हाईकोर्ट में दायर हुए। इसी दौरान ई कोर्ट फीस भुगतान प्रणाली से 3 करोड़ 58 लाख 80 हजार 422 रुपए हाईकोर्ट को प्राप्त हुए।
पक्षकारों को भी सुविधा
हाईकोर्ट ने वकीलो के साथ यह सुविधा आमजनों को भी दी। नतीजा यह हुआ कि स्वयं अपने मामले की पैरवी करने के लिए जुलाई 2021 से दिसम्बर 2021 तक हाईकोर्ट में 421 पक्षकारों ने ई-फाइलिंग के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया। प्रदेश की जिला अदालतों में भी इस दौरान 172 पक्षकार ई-फाइलिंग के लिए पंजीकृत किए गए।
कोर्ट फीस भी ऑनलाइन
हाईकोर्ट में ई कोर्ट फीस जमा करने के लिए कोर्ट फीस कैलकुलेटर व मॉड्यूल की व्यवस्था 15 दिसम्बर 2017 से लागू थी। लेकिन भुगतान में आसानी के चलते भौतिक रूप से काउंटर पर ही कोर्ट फीस जमा की जाती थी। कोविडकाल में ई-फाइलिंग अनिवार्य करने के बाद हाईकोर्ट ने मुख्यपीठ जबलपुर व इंदौर, ग्वालियर खंडपीठों सहित प्रदेश की सभी जिला अदालतों में पीओएस (पॉइंट ऑफ सेल) मशीनें ई कोर्ट फीस के भुगतान के लिए लगवाईं। इससे ऑनलाइन फीस भुगतान में आसानी होने लगी। वकीलों को यह तरीका रास आया और वे कोविडकाल के बाद भी ऑनलाइन कोर्ट फीस भुगतान कर रहे हैं। जुलाई 2021 से दिसम्बर 2021 तक 31488 ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए हाईकोर्ट में कुल 3 करोड़ 58 लाख 80 हजार 422 रु कोर्ट फीस जमा हुई।
2015 से थी ई-फाइलिंग की व्यवस्था
मप्र हाईकोर्ट के सीएमएस (कम्प्यूटराइज्ड मैनेजमेंट सिस्टम) में ई-फाइलिंग की व्यवस्था 2015 से ही की गई थी। लेकिन वकील बहुत कम इस व्यवस्था का उपयोग करते थे। 16 अप्रेल 2020 को लॉकडाउन लगने के बाद हाईकोर्ट में भौतिक फाइलिंग बन्द कर ई-फाइलिंग की व्यवस्था लागू कर दी गई। 6 जून 2020 को हाईकोर्ट ने इसके लिए नियम बनाकर लागू किए। इसके बाद ई ई-फाइलिंग में तीव्रता से गति आई। जुलाई 2021 से दिसम्बर 2021 तक ई-फाइलिंग के जरिए हाईकोर्ट की तीनों बेंचों में 8192 मामले दायर किए गए।
ई-फाइलिंग व ई कोर्ट फीस भुगतान की सुविधाएं लॉक डाउन के बाद भी वकीलों को भा रही हैं। इससे हम लोगों का काम काफी आसान हो गया है।
– संजय वर्मा, अध्यक्ष मप्र हाईकोर्ट बार एसोसिएशन जबलपुर