scriptGood news : मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब की जांच क्षमता पांच दिन में हुई दोगुनी | Good news : Testing capacity of virology lab doubled within five days | Patrika News

Good news : मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब की जांच क्षमता पांच दिन में हुई दोगुनी

locationजबलपुरPublished: May 13, 2020 10:02:35 pm

Submitted by:

praveen chaturvedi

मेडिकल कॉलेज में 9 मई को वायरोलॉजी लैब का हुआ था शुभारम्भ, अब दूसरे अस्पतालों से भेजे गए सैम्पल की भी हो रही जांच।

medical hospital

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जबलपुर। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज की वायरोलॉजी लैब के रेकॉर्ड समय में तैयार होने के बाद कोरोना संक्रमितों के सैम्पल की जांच में भी तेजी आई है। लैब शुरू होने के पांच दिन के अंदर जांच क्षमता दोगुनी हो गई है।

वायरोलॉजी लैब का शुभारंभ नौ मई को हुआ था। पहले दिन 42 सैम्पल की जांच हुई थी। 13 मई को 86 नमूने जांच के लिए स्वीकार किए गए। लैब में नमूनों की जांच संख्या बढऩे के साथ दायरा भी बढ़ गया है। अभी तक मेडिकल अस्पताल में भर्ती कोरोना संदिग्धों के नमूनों की जांच ही हो रही थी। बुधवार से जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से भेजे गए सैम्पल की जांच कर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

और बढ़ेगी जांच
वायरोलॉजी लैब में अभी एक मशीन से एक बैच में 34 सैम्पल की जांच सम्भव है। चौबीस घंटे लैब संचालित करने पर करीब सौ नमूनों की जांच हो सकेगी। लैब में एक और मशीन आने के बाद जांच क्षमता डेढ़ गुना बढ़ जाएगी। इसके लिए अतिरिक्त स्टाफ की जरूरत नहीं होगी। वर्तमान प्रशिक्षित स्टाफ और नई मशीन के साथ जांच में और तेजी आएगी।

जल्दी मिल रही रिपोर्ट
शहर में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच नमूनों की जांच रिपोर्ट में लेटलतीफी समस्या बनी हुई थी। शहर सहित आसपास के जिलों से भी नमूने जांच के लिए एनआईआरटीएच भेजे जा रहे थे। एनआईआरटीएच की लैब में भार बढऩे से जांच लम्बित रह रही थी। जल्दी रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए सैम्पल सागर और ग्वालियर स्थित लैब भेजे जाते थे। वहां से तीन-चार दिन बाद रिपोर्ट मिल रही थी। नई लैब शुरू होने से अब शहर में ही कोरोना जांच की क्षमता बढ़ी है। रिपोर्ट भी जल्दी मिल रही है।

वायरोलॉजी लैब में कोरोना संदिग्धों के नमूनों की जांच की जा रही है। जांच क्षमता बढ़ाने के प्रयास जारी हैं। बुधवार को स्वास्थ्य विभाग से जांच के लिए नमूने भेजे गए हैं, उनकी जांच की जा रही है।
डॉ. रीति सेठ, एचओडी, माइक्रोबायोलॉजी, एनएससीबीएमसी

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