सरकार के पास इतनी नौकरियां नहीं है कि सभी डिग्री धारियों को सरकारी नौकरी मिल जाए। इसके लिए जरूरी है कि युवा खुद अपने पैरों पर खड़े होकर स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ें। इसके लिए सरकार की मुद्रा ऋण योजना, बैंक योजना का लाभ लें। यदि इस दिशा में युवा प्रयास करें तो वे खुद तो पैरों पर खड़े होंगे ही साथ ही दूसरों को रोजगार देने का जरिया बनेंगे। यह बात गुरुवार को प्रदेश की राज्यपाल आनंद बेन पटेली ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में के ३१वें दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सरकार के पास इतनी जॉब नहीं होती। रिटायरमेंट के बाद रिक्त पदों पर ही लोगों को लिया जाता है। अक्सर युवा डिग्री के बाद नौकरी का सपना संजोने लगते है। उनहोंने स्वरोजगार अपनानेका देश के उद्योगपति धीरू भाई अंबानी का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने साइकिल से अपना व्यवसाए शुरू किया और आज दुनिया के बड़े उद्योगपतियों में शुमार है। यदि युवाओं में इच्छा शक्ति हो तो वह भी अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। उन्होंने 123 उपाधि धारकों को डिग्री देकर सम्मानित किया। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं का लाभ उठाएं।
अनपढ़ महिलांए कमा सकती तो फिर आप क्यो नहीं
राज्यपाल आनंदी बेन जवाहर लाल नेहरू कृषि विवि के 15वें दीक्षांत समारोह में दोपहर शिरकत की। उन्होंने उपाधि धारकों एवं छात्रों को संबोधित करते हुए स्वारोजगार से जोडऩे की पहल की। राज्यपाल ने डिंडौरी और बालाघाट जिले में महिला स्वसहायता समूह का उदाहरण देते हुए कहा कि अनपढ़ महिलाओं ने संगठन बनाकर 4 करोड़ की बचत की और खुद का बैंक बनाया। महिलाओं के साथ पुरुषों को भी ऋण दे रहीं हैं। जब अनपढ़ महिलाएं रोजगार दिला सकती हैं तो फिर पढ़े लिखे युवा क्यो नहीं। उन्होंने युवाओं को संकल्प लिया।