जबलपुर

Real estate- …तो केंद्रीय वित्तमंत्री काा वादा संजीवनी बन जाएगा इस शहर के लिए

रियल इस्टेट को उबारेगी सरकारी मदद, कारोबारी उत्साहित
Real estate- …तो केंद्रीय वित्तमंत्री काा वादा संजीवनी बन जाएगा इस शहर के लिए

जबलपुरSep 17, 2019 / 06:44 pm

shyam bihari

Real estate

जबलपुर। प्रॉपर्टी सेक्टर जबलपुर शहर में भी खास मायने रखता है। हालांकि, इस समय थोड़ी सुस्ती नजर आ रही है। ऐसे में अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए सरकारी मदद रियल इस्टेट कारोबार के लिए भी संजीवनी का काम कर सकती है। जबलपुर जिले में करीब 250 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें 25 सौ करोड़ से ज्यादा का निवेश है। इनमें 80 से 90 प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं, जिनमें 60 फीसदी का काम हो चुका है। बाकी के लिए बिल्डर्स के पास पूंजी की कमी है।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने रियल इस्टेट की मंदी दूर करने के लिए 10 हजार करोड़ के फंड की घोषणा की है। इतनी राशि भारतीय जीवन निगम और निजी क्षेत्र से जुटाने की सम्भावना जताई। इस घोषणा से रियल इस्टेट से जुड़े कारोबारी राहत महसूस कर रहे हैं। उनका मानना है कि फंड से सहायता मिलती है तो बड़ी सहूलियत होगी। अभी नए प्रोजेक्ट नहीं आ रहे हैं। ऐसे में लोगों से बुकिंग की राशि भी नहीं मिल रही है। ऐसे में 30 से 40 फीसदी काम पूरा करना उनके लिए कठिन हो रहा है। इस योजना का लाभ पैसों की कमी से जूझ रहे अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट को मिलेगा। इसका मतलब है यह है कि जिन मकान का कारपेट एरिया 90 मीटर से कम और कीमत 45 लाख रुपए तक है, उन पर योजना लागू होगी। जिले में ऐसे बड़े एवं छोटे प्रोजेक्ट की संख्या 80 से 90 के बीच है। एनपीए और एनसीएलटी प्रोजेक्ट इसके दायरे में नहीं आएंगे।
हाउसिंग प्रोजेक्ट से जुड़े जानकारों ने बताया कि किसी भी प्रोजेक्ट का 60 फीसदी काम होने का मतलब सिर्फ फिनिशिंग की प्रक्रिया बाकी रहना है। यानी उस प्रोजेक्ट में फ्लैट में स्लैब जुड़ाई एवं प्लास्टर का काम पूरा हो चुका है। केवल सजावट का काम शेष रहता है। इस प्रक्रिया में भी बड़ा खर्च होता है।
तैयार प्रोजेक्ट को महत्व
रियल इस्टेट कारोबार में एक बड़ा बदलाव आया है। अब लोग चाहते हैं कि जब वह कोई मकान खरीदने जा रहे हों तो वह पूरी तरह बना मिले। यानि अब किसी प्रोजेक्ट के लिए कोई पंूजी लगाए और उसे मकान बनकर एक से दो साल में मिले, ऐसी सोच अब काम नहीं करती। ज्यादातर चाहते हैं कि उन्हें रेडी टू बिल्ट मकान मिले। इस कारण रियल इस्टेट कारोबार में थोड़ी गिरावट आई है। ऐसे में सरकार का फंड बड़ा संकट मोचक बन सकता है। क्रेडाई जबलपुर के अध्यक्ष धीरेश खरे का कहना है कि शहर में रियल इस्टेट कारोबार पर भी मंदी का असर है। सरकार की घोषणा पूरी होने पर यहां के कई प्रोजेक्ट को लाभ मिल सकता है। कई प्रोजेक्ट हैं जो सिक पड़े हैं। पूंजी नहीं आ रही है तो बिल्डर भी इन्हें पूरा करने में असमर्थ हैं।

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