सिर्फ एल्गिन में सभी पद भरे
स्वास्थ्य विभाग के जिले में संचालित उपचार केंद्रों में सिर्फ एल्गिन अस्पताल में विशेषज्ञ और चिकित्सा अधिकारी के सभी पद भरे हुए हैं। जिला अस्पताल तक में नियमित चिकित्सकों के चालीस फीसदी पद खाली हैं। नियमित सभी पदों पर चिकित्सकों के कार्यरत होने के बावजूद एल्गिन अस्पताल में ओपीडी में जांच और इनडोर पेशेंट की निगरानी के लिए चिकित्सक कम है। आदर्श मानक के मुताबिक अस्पताल में भर्ती सात मरीज पर एक चिकित्सक होना चाहिए। एल्गिन में सभी वर्ग के कुल 24 चिकित्सक हैं। अस्पताल में हर समय औसतन ढाई सौ मरीज भर्ती रहते हैं। इस लिहाज से आदर्श मानक के मुतािबक 36 चिकित्सक होने चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग के जिले में संचालित उपचार केंद्रों में सिर्फ एल्गिन अस्पताल में विशेषज्ञ और चिकित्सा अधिकारी के सभी पद भरे हुए हैं। जिला अस्पताल तक में नियमित चिकित्सकों के चालीस फीसदी पद खाली हैं। नियमित सभी पदों पर चिकित्सकों के कार्यरत होने के बावजूद एल्गिन अस्पताल में ओपीडी में जांच और इनडोर पेशेंट की निगरानी के लिए चिकित्सक कम है। आदर्श मानक के मुताबिक अस्पताल में भर्ती सात मरीज पर एक चिकित्सक होना चाहिए। एल्गिन में सभी वर्ग के कुल 24 चिकित्सक हैं। अस्पताल में हर समय औसतन ढाई सौ मरीज भर्ती रहते हैं। इस लिहाज से आदर्श मानक के मुतािबक 36 चिकित्सक होने चाहिए।
विकराल हो रही समस्या
विक्टोरिया जिला, एल्गिन सहित सिविल अस्पतालों में चिकित्सकों के पद अस्पताल की स्थापना के वक्त की बिस्तर क्षमता के अनुसार स्वीकृत हुए थे। मौजूदा स्थिति जिले में अस्पतालों की बिस्तर क्षमता दोगुनी हो चुकी है। अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके अनुरूप चिकित्सकों के नए पद सृजित नहीं किए जाने से स्वास्थ्य सुविधा सम्बंधित समस्या विकराल रूप ले रही है। चिकित्सकों की कमी से अस्पतालों की ओपीडी से लेकर इनडोर पेशेंट के उपचार की व्यवस्था लडख़ड़ाई हुई है। अस्पतालों से बाहर निकलकर बीमारियों की जांच, सर्वे और समय-समय पर अलग-अलग जगहों पर शिविर के लिए चिकित्सक ही नहीं है। निगरानी के अभाव में सरकारी स्वास्थ्य सेवा दम तोड़ रही है।
विक्टोरिया जिला, एल्गिन सहित सिविल अस्पतालों में चिकित्सकों के पद अस्पताल की स्थापना के वक्त की बिस्तर क्षमता के अनुसार स्वीकृत हुए थे। मौजूदा स्थिति जिले में अस्पतालों की बिस्तर क्षमता दोगुनी हो चुकी है। अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके अनुरूप चिकित्सकों के नए पद सृजित नहीं किए जाने से स्वास्थ्य सुविधा सम्बंधित समस्या विकराल रूप ले रही है। चिकित्सकों की कमी से अस्पतालों की ओपीडी से लेकर इनडोर पेशेंट के उपचार की व्यवस्था लडख़ड़ाई हुई है। अस्पतालों से बाहर निकलकर बीमारियों की जांच, सर्वे और समय-समय पर अलग-अलग जगहों पर शिविर के लिए चिकित्सक ही नहीं है। निगरानी के अभाव में सरकारी स्वास्थ्य सेवा दम तोड़ रही है।
शहर के अस्पतालों का हाल
04 अस्पताल, इसमें विक्टोरिया जिला सहित एल्गिन, रांझी सिविल अस्पताल शामिल
447 कुल बिस्तर है इनमें, विक्टोरिया में 175 बिस्तर बढ़ाने का भी प्रस्ताव है
57 नियमित चिकित्सक (प्रथम श्रेणी व चिकित्सा अधिकारी) अभी कार्यरत
07 के करीब मरीज भर्ती(इनडोर) रहते है जिले के इन सरकारी अस्पतालों में
01 सौ चिकित्सक की जरूरत, इनडोर पेशेंट-चिकित्सक आदर्श अनुपात (7:1) में
04 अस्पताल, इसमें विक्टोरिया जिला सहित एल्गिन, रांझी सिविल अस्पताल शामिल
447 कुल बिस्तर है इनमें, विक्टोरिया में 175 बिस्तर बढ़ाने का भी प्रस्ताव है
57 नियमित चिकित्सक (प्रथम श्रेणी व चिकित्सा अधिकारी) अभी कार्यरत
07 के करीब मरीज भर्ती(इनडोर) रहते है जिले के इन सरकारी अस्पतालों में
01 सौ चिकित्सक की जरूरत, इनडोर पेशेंट-चिकित्सक आदर्श अनुपात (7:1) में
सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के खाली पदों पर भरने की कार्रवाई जारी है। इसके लिए नीति में भी परिवर्तन किया जा रहा है। अस्पतालों से जानकारी मांगी गई है। चिकित्सकों की शीघ्र नियुक्ति के प्रयास किए जा रहे हैं।
तुलसी सिलावट, स्वास्थ्य मंत्री
तुलसी सिलावट, स्वास्थ्य मंत्री