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सरकारी नौकरी मात्र पांच लाख रुपए में, इनसे करें संपर्क…!

locationजबलपुरPublished: Sep 12, 2018 11:03:23 am

Submitted by:

Lalit kostha

सरकारी नौकरी मात्र पांच लाख रुपए में, इनसे करें संपर्क…!

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dalit will give job in UP says dalit leader Nirmal

जबलपुर। शहर में जालसाज लोगों को ठगने के नए-नए पैतरे अपना रहे हैं। किसी को नौकरी और किसी को प्लॉट के नाम पर ठगा जा रहा है। दिल्ली वक्फ बोर्ड में नौकरी दिलाने का झांसा देकर जालसाजों ने 5 लोगों से 5 लाख रुपए हड़प लिए। उधर, नेवी के जवान को प्लॉट के नाम पर चपत लग गई।

news fact-

पांच लोगों से 5 लाख और नेवी के जवान से 2.20 लाख हड़पे
नौकरी और प्लॉट के नाम पर ठगी

हनुमानताल पुलिस ने बताया कि जाकिर हुसैन वार्ड निवासी सरताज आलम अब्राहम स्कूल का शाला प्रबंधक है। आधारताल निवासी सैयद जाकिर अली से उसकी पहचान थी। पांच महीने पहले जाकिर ने रिश्तेदार इस्लामुद्दीन से उसकी और अन्य लोगों की मुलाकात कराई। बताया कि इस्लामुद्दीन अलवर राजस्थान निवासी है और दिल्ली वक्फ बोर्ड में अधिकारी है। बातचीत में बताया कि वह कई लोगों की नौकरी लगवा चुका है। सरताज को भी दिल्ली वक्फ बोर्ड में नौकरी दिलाने की बात कही। इसी तरह शाहिद बेग, अशफाक बेग, नईम, अकील और शफीक अंसारी को भी नौकरी दिलाने का झांसा दिया। पांचों से इस्लामुद्दीन ने एक-एक लाख रुपए एडवांस लिया। इसके बाद न किसी को नौकरी मिली और न पैसे वापस हुए। पुलिस ने सैयद जाकिर और इस्लामुद्दीन के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया।

यहां नेवी जवान को प्लॉट दिलाने के नाम पर ठगा
भारतीय नौसेना जवान को प्लॉट दिलाने के नाम पर जालसाजों ने 2.20 लाख की चपत लगा दी। चार साल से रकम वापस पाने के लिए पेरशान सैनिक ने मंगलवार को एएसपी राजेश त्रिपाठी से शिकायत की। एएसपी ने मामले में मदनमहल टीआई को जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। भेड़ाघाट निवासी उपेंद्र नाथ यादव भारतीय सेना पोत शिवाजी लोनावाला में कार्यरत है। वर्ष 2014 में नेवी से रिटायर्ड विजय नगर निवासी सतीश वाजपेयी ने उसे प्लॉट में निवेश करने का सुझाव दिया। फिर उसकी मुलाकात आरके ग्रुप के संचालक एआर रहमान से करायी।

उसने 1500 वर्गफुट का प्लॉट दिखाया और चार लाख 42 हजार 500 रुपए में बेचने का एग्रीमेंट किया। कहा कि प्लॉट का सीमांकन और शासकीय कार्य बाकी है। छह महीने बाद उसके नाम की रजिस्ट्री कर दी जाएगी। उसने पांच दिसम्बर 2014 को 51 हजार रुपए नकद और शेष राशि चेक के माध्यम से एआर रहमान को दे दिए। तब से चार साल निकल गए। उसे न तो प्लॉट मिला और न ही पूरे पैसे ही वापस हुए। वर्ष 2017 में मदनमहल की बस स्टैंड चौकी प्रभारी की पहल पर रहमान ने दो लाख 22 हजार 500 रुपए वापस किए थे।

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