scriptइसका मतलब सरकार को पता चल गया कि हॉकर और एजेंसी संचालक करते हैं गैस सिलेंडर की कालाबाजारी! | government know that hawkers and agency operators do black marketing | Patrika News

इसका मतलब सरकार को पता चल गया कि हॉकर और एजेंसी संचालक करते हैं गैस सिलेंडर की कालाबाजारी!

locationजबलपुरPublished: Oct 31, 2020 07:25:12 pm

Submitted by:

shyam bihari

देश के 100 शहर के साथ जबलपुर में भी बदली व्यवस्था, हॉकर को बताना होगा मोबाइल पर आया कोड
 

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जबलपुर। घरेलू रसोई गैस सिलेंडर की चोरी रोकने और सही ग्राहक की पहचान के लिए अब तेल कंपनियां नया डिलेवरी सिस्टम लागू करने जा रही हैं। जिले में एक नवंबर से यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। इसमें ग्राहक को उनके मोबाइल पर आया कोड अपने हॉकर को बताना पडेग़ा। तभी वह सिलेंडर देगा। जिले में तीनों तेल कंपनी एवं गैस एजेंसियों ने नई व्यवस्था को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं। इसका प्रशिक्षण भी हॉकर्स को दिया गया है। सरकार की ओर से इस योजना के लिए देश के 100 स्मार्ट शहरों को चुना गया है। इसमें जबलपुर भी शामिल है। यहां स्थित इंडियन ऑयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) भारत पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) व हिंदुस्तान पेट्रोलियम कारपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) ने अपने-अपने कार्यालयों के साथ एजेंसियों को भी नई व्यवस्था के लिए तैयार किया है। जिले में तीनों कपनियों के 6 लाख 35 हजार ग्राहक हैं।

जब आप अपने रजिस्टर्ड नंबर से गैस सिलेंडर की बुकिंग के लिए कॉल करते हैं तो पहले आपके पास बुकिंग कोड आता है। फिर गैस एजेंसी कैश मेमो जारी करती है। इसका विवरण भी ग्राहक के मोबाइल नंबर पर आता है। इसमें सिलेंडर के दाम के अलावा एक कोड भी होता है। इसे डिलेवरी ऑथेंटिकेशन कोड (डीएसी) कहा जाता है। जिस दिन आपके पास हॉकर सिलेंडर लेकर आता है, उसे यही कोड बताना जरूरी होगा जैसे ही यह कोड बताएंगे वह कंपनी को भेजा जाएगा। हॉकर अपने मोबाइल एप से इसे भेजेगा या फिर अपनी डायरी में नोट कर लेगा।
रोजाना 15 हजार बुकिंग
जिले में तीनों तेल एवं रसोई गैस कंपनियों के रोजाना 15 से 20 हजार सिलेंडर बुक होते हैं। फिर करीब 38 गैस एजेंसियों के माध्यम से इनका वितरण ग्राहकों को पास किया जाता है। जिले में आइओसीएल के करीब 1 लाख 90 हजार, एचपीसीएल के 2 लाख 35 हजार और बीपीसीएल के तकरीबन 2 लाख 7 हजार ग्राहक हैं। इस व्यवस्था का मकसद सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की चोरी को रोकना है। ग्राहकों को सालभर में 12 सिलेंडर सब्सिडी रेट पर मिलते हैं। यह सब्सिडी व्यक्ति के खाते में सीधे ट्रांसफर होती है। जानकारों ने बताया कि कई ग्राहक ऐसे हैं जो कि इतने सिलेंडर इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। यानि उनकी खपत कम होती है। ऐसे में वे अपने सिलेंडर हॉकर के माध्यम से किसी दूसरे व्यक्ति को उसी रेट पर दे देते हैं।

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