भू-सर्वेक्षण शुरू: ड्रोन से बनेगा नक्शा, 1524 गांव शामिल
आबादी की जमीन पर वर्षों से बसे लोग बनेंगे भूमि मालिक
स्वामित्व योजना के अंतर्गत भू-सर्वेक्षण किया जा रहा है। इसके जरिए ग्रामीण क्षेत्र में वर्षों से रह रहे लोगों को रहवासी क्षेत्र का मालिकाना हक मिल सकेगा। अभी उन्हें केवल अधिकार पत्र मिला है या कहें वे पट्टे पर रहे रहे हैं, लेकिन इस जमीन को न तो वह बेच सकते हैं न ही बैंक में गिरवी रखकर किसी प्रकार का ऋण प्राप्त कर सकते हैं। उनके पास उस जमीन का मालिकाना हक प्राप्त नहीं है। अब भू-सर्वेक्षण के उपरांत उन्हें अधिकार अभिलेख मिल जाएगा।
ये है प्रक्रिया
भू-सर्वेक्षण के लिए पटवारियों को सीमांकन के लिए निर्देशित कर दिया गया है। जिस ग्राम का सर्वे होना है, उसके एक दिन पहले वहां पर चूना की लाइन डाली जाएगी। घर, आबादी सडक़, खाली प्लॉट और दूसरी तमाम चीजों को सर्वे में शामिल किया जाएगा। इसके बाद ड्रोन से सर्वे होगा। सर्वे ऑफ इंडिया की टीम आकर ड्रोन सर्वे करेगी। फिर उस क्षेत्र का एक नक्शा निकाला जाएगा। जो नक्शा तैयार होगा उसका वेरीफिकेशन संबंधित हल्के का पटवारी करेगा। सही नक्शा होने पर वह ग्राउंड ट्रूथिंग यानी वास्तविक स्थिति की जानकारी देगा। इसके बाद दावे-आपत्ति के लिए पहला और 15 दिनों के उपरांत दूसरा प्रकाश होगा।
मप्र भू-राजस्व संहिता के नियमों के तहत जिले की समस्त तहसीलों के ग्रामों की आबादी क्षेत्र का भू-सर्वेक्षण प्रारंभ किया जा रहा है। इसकी अधिसूचना जारी हो चुकी है। सर्वे के जरिए लोगों को भूमि का मालिकाना हक मिल सकेगा।
– ललित ग्वालवंशी, अधीक्षक, भू-अभिलेख कार्यालय
इन तहसीलों में भू-सर्वेक्षण
जबलपुर : ग्रामों का आबादी क्षेत्र
कुंडम: ग्रामों का आबादी क्षेत्र
पाटन: ग्रामों का आबादी क्षेत्र
सिहोरा: समस्त ग्रामों का आबादी क्षेत्र
मझौली: समस्त ग्रामों का
आबादी क्षेत्र
शहपुरा: समस्त ग्रामों का आबादी क्षेत्र
पनागर: समस्त ग्राम का आबादी क्षेत्र
गोरखपुर: समस्त ग्रामों का
आबादी क्षेत्र
अधारताल: समस्त ग्रामों का
आबादी क्षेत्र
रांझी: समस्त ग्रामों का आबादी क्षेत्र