scriptनया कानून : अब ऐसे प्लॉट या मकान लेने पर हो सकती है जेल | government new rules 2018 for plots and houses | Patrika News

नया कानून : अब ऐसे प्लॉट या मकान लेने पर हो सकती है जेल

locationजबलपुरPublished: Sep 25, 2018 11:56:29 am

Submitted by:

Lalit kostha

नया कानून : अब ऐसे प्लॉट या मकान लेने पर हो सकती है जेल

buy cheapest plots and land farm house in mp

buy cheapest plots and land farm house in mp

जबलपुर। भूमि सीमांकन में गड़बड़ी की आशंका पर अब पीडि़त पक्ष एसडीएम के समक्ष अपील कर सकेगा। इसी तरह खसरा में त्रुटि सुधार तहसीलदार की जगह एसडीओ करेंगे। ऐसे ही कई संशोधन वाली मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता,1959 मंगलवार से जिला और पूरे प्रदेश में प्रभावी हो रही है। इससे न केवल फर्जी तरीके से की गई रजिस्ट्री और मकान खरीदने वालों पर कार्रवाई की जा सकेगी, बल्कि भूमाफिया पर भी लगाम लग सकेगी।

NEWS FACTS-

भू राजस्व संहिता में संशोधन, कई बदलाव, धाराएं भी विलोपित की गईं
आज से प्रभावी नई संहिता, सीमांकन में गड़बड़ी की एसडीएम से करें अपील

इसमें कई धाराओं को विलोपित भी किया गया है। जिले के भू-अभिलेख विभाग ने इन्हीं नए प्रावधानों के तहत अब अगली कार्यवाही करने के लिए निर्देश भी जारी कर दिए हैं। पूर्व की राजस्व संहिता में तहसीलदार भूमि का सीमांकन करता था तो अपील का प्रावधान नहीं था। अब इसमें संशोधन कर दिया गया है। इसी प्रकार भूमि स्वामी तय मापदंडों के अनुरूप खुद ही डायवर्सन शुल्क का आंकलन कर उसे जमा कर सकेगा। इसके लिए तहसीलदार या एसडीएम से आदेश की आवश्यकता नहीं पडेग़ी। इसी तरह और भी नए प्रावधान संशोधित भू-राजस्व संहिता में किए गए हैं।

 

government new rules 2018, rules for <a  href=
plots and houses, new rules for property registration, property registration charges in mp, e registry mp check” src=”https://new-img.patrika.com/upload/2018/05/12/zeera_mandi_3464483-m.jpg”>

यह हैं प्रमुख प्रावधान
– भूल या अनियमितता में राजस्व अधिकारियों के आदेशों को तब तक नहीं बदला जा सकेगा, जब तक कि उसमें अन्याय न हुआ हो।
– कई स्थितियों में कुछ धाराओं के अधीन पारित आदेशों के विरुद्ध प्रथम अपील में पारित आदेश के विरोध में कोई दूसरी अपील नहीं होगी।
– भूमि स्वामी भूमि का डायवर्सन कर सकेगा। यही नहीं उसके प्रीमियम की गणना कर देय भू-राजस्व का निर्धारण और उसे जमा भी कर सकेगा।
– कोई भी व्यक्ति, जो भूमि में कोई अधिकार या हित विधिपूर्वक अर्जित करता है, इसकी रिपोर्ट छह माह के भीतर सम्बंधित पटवारी या तहसीलदा को देगा।
– तहसीलदार ऐसे हर भूमि स्वामी को भू-अधिकार पुस्तिका उपलब्ध कराएगा, जिसका नाम धारा 114 के अधीन तैयार किए गए खसरों में दर्ज है।
– ऐसा भू-स्वामी जिसकी भूमि पर धारा 59 के अधीन कृषि के प्रयोजन के लिए किया गया है या जो भूमि को निवास के प्रयोजन के लिए धारण करता हो, यदि किन्ही ज्ञात वारिसों के बिना उसकी मृत्यु हो जाती है तो तहसीलदार उसकी भूमि का कब्जा लेकर उसे एक साल के लिए पटटे पर दे सकेगा। दावेदारों के लिए अलग नियम बनाया गया है।
– राज्य शासन द्वारा दी गई छूट वाली भूमियों को छोडकऱ तमाम प्रकार से उपयोग में लाई जा रही भूमियों पर राजस्व का भुगतान करना पडेग़ा।
– भूमियों के सम्बंध में जिला सर्वेक्षण अधिकारी, उप सर्वेक्षण अधिकारी तथा सहायक सर्वेक्षण अधिकारी होंगे। जिले के कलेक्टर जिला सर्वेक्षण अधिकारी होंगे।
– मूल अधिनियम की धारा 114 स्थान पर 114 भू अभिलेख 1 में प्रत्येक ग्राम के लिए भू अभिलेख तैयार किए जाएंगे। इसमें कई जानकारियां समाहित होंगी।
– 114 भू अभिलेख 2 में प्रत्येक नगरीय क्षेत्र के लिए क्षेत्र का नक्शा, अधिकार अभिलेख, भू अधिकार सहित अन्य दस्तावेज तैयार किए जाएंगे।
– मूल अधिनियम की धारा 181 के स्थान पर 181 का स्थापित की गई है। इसमें कहा गया कि फ्री होल्ड अधिकार रखने वाला व्यक्ति भूमि का स्वामी होगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो