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बड़ी खबर: प्राइवेट स्कूल संचालकों से सरकार वसूलेगी 6 लाख रुपए का जुर्माना!

locationजबलपुरPublished: Jul 02, 2018 09:38:36 am

Submitted by:

Lalit kostha

बड़ी खबर: प्राइवेट स्कूल संचालकों से सरकार वसूलेगी 6 लाख रुपए का जुर्माना!

government new rules 2018 for private schools

government new rules 2018 for private schools

जबलपुर। बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए माता पिता हर संभव प्रयास करते हैं। ऐसे में उनके बजट पर भी असर पड़ता है, इसके बावजूद वे कोशिश करते हैं कि उनका बच्चा अच्छे से अच्छे स्कूल में पढ़ाई कर सके। ऐसे में स्कूलों की मनमानी का शिकार परिजन होते हैं। किंतु वे कुछ बोल भी नहीं पाते। जिसका स्कूल संचालक पूरा पूरा फायदा उठाते हैं।

news fact- स्कूल फीस अधिनियम और नियमों का प्रारूप जारी

निजी स्कूलों में मनमानी फीस वसूली पर लगाम लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने हाल ही में फीस अधिनियम और नियमों का प्रारूप जारी किया है। मप्र राजपत्र में 26 जून को निजी विद्यालय फीस और सम्बंधित विषयों के विनियमन अधिनियम 2017 के नियमों का प्रारूप प्रकाशित किया गया है। सूचना में नोटिस भी जारी किया गया है। इसमें कहा गया कि नियमों के प्रारूप को 30 दिन के बाद विचारार्थ लिया जाएगा। प्रारूप के नियम 4 उपनियम 11 के अनुसार निजी स्कूल एक समय में एक से अधिक तिमाही फीस नहीं लेंगे। तिमाही फीस से ज्यादा राशि लेने पर उसे कैपिटेशन फीस माना जाएगा। ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

दो से छह लाख रुपए तक जुर्माना
प्रारूप के नियम 9 के उपनियम 9, 10 और 11 के अनुसार 10 प्रतिशित से ज्यादा फीस लेने पर स्कूल की प्रथम लापरवाही पर दो लाख रुपए जुर्माना, दूसरी बार में चार लाख तथा इसके बाद भी लापरवाही मिलने पर छह लाख रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। इतना ही नहीं, जिला समिति सक्षम अधिकारी को सम्बंधित निजी स्कूल की मान्यता निलम्बित या रद्द करने की अनुशंसा भी कर सकती है। उधर, उपभोक्ता मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे ने स्कूल फीस अधिनियम और प्रारूप का अध्यादेश जारी नहीं करने को सरकार की लापरवाही बताया है।

उन्होंने कहा, स्कूल फीस अधिनियम की धारा 14 उपधारा 2 के तहत इन नियमों को विधानसभा में पारित कराना चाहिए। विधानसभा का मानसून सत्र समाप्त हो गया, लेकिन इसे विधानसभा में नहीं रखा गया। मंच के रजत भार्गव, मनीष शर्मा, डॉ. एमए खान, राममिलन शर्मा ने कहा, शीतकालीन सत्र शुरू होने में समय है। प्रदेश शासन को 26 जुलाई के बाद अध्यादेश जारी कर नियमों को लागू करना चाहिए।

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