इससे आसानी होगी
केंद्र सरकार ने 2025 तक टीबी रोग को समाप्त करने का लक्ष्य तय किया है। सभी मरीजों के रिकॉर्ड के बिना लक्ष्य तक पहुंचना संभव नहीं था। डॉक्टरों के अनुसार कठोर कानून बनने के बाद शत प्रतिशत मरीजों का रिकॉर्ड तैयार होगा। सभी मरीजों को बीमारी से मुक्त करने में आसानी होगी।
निजी अस्पताल की निगरानी
राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत टीबी का नि:शुल्क इलाज किया जाता है। कार्यक्रम से जुड़े कार्यकर्ता सभी मरीजों का कोर्स पूरा कर उन्हें रोग मुक्त कराने का कार्य करते हैं। जबकि, निजी अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीज की दवा अधूरी होने पर बीमारी का संक्रमण फिर हो जाता है। अगली बार का संक्रमण और गंभीर कटेगरी का होता है। गंभीर मरीज से दूसरे लोगों को होने वाला संक्रमण उसी कटेगरी का होता है। नई गाइडलाइन से निजी अस्पताल में इलाज कराने वाले मरीजों की भी निगरानी संभव होगी।
जिले में मरीज
कुल मरीज- 4700
एमडीआर कटेगरी- 32
एक्सडीआर कटेगरी- 02
डीएमसी (जांच केंद्र )- 31
सीबी नॉट मशीन- 02
..तो बीमारी दूर हो जाएगी
टीबी एवं चेस्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र भार्गव के अनुसार नई गाइड लाइन से टीबी के सभी मरीजों का इलाज संभव होगा। जो मरीज आर्थिक रूप से अक्षम हैं, उन्हें भी पूरा इलाज देने में आसानी होगी। जब सभी मरीजों का इलाज होगा तो बीमारी दूर हो जाएगी।
अब सजा का प्रावधान
जिला क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. धीरज धवंडे के अनुसार टीबी का इलाज करने वालों को सूचना देने का नियम पहले से हैं, लेकिन बहुत कम अस्पताल सूचना दे रहे हैं। अब सजा का प्रावधान हो गया है तो सभी मरीजों का रिकॉर्ड तैयार होगा।