रादुविवि प्रशासन का निर्णय, कागज पर आती थीं शिकायतें
अभी तक कागज पर किसी के भी खिलाफ शिकायत कर दी जाती है। अधिकतर शिकायतों में आरोपों के प्रमाण नहीं होते। इससे विवि प्रशासन को शिकायतों की सुनवाई में परेशानी होती है। कई बार शिकायतकर्ता ही उपस्थित नहीं होता है।
गम्भीर शिकायतों से शुरुआत
विवि प्रशासन अभी इस बात पर विचार कर रहा है कि नई व्यवस्था में सभी शिकायतों को शामिल किया जाए या केवल गम्भीर शिकायतों को। गम्भीर शिकायतों में किसी व्यक्ति के कदाचरण से सम्बंधित, छेड़छाड़, शोषण करने, अपशब्द कहने, अधिकारियों पर लगाए जाने वाले गमीर आरोपों को शामिल किया जाएगा।
500 से 700 शिकायतें हर माह
जानकारी के अनुसार रादुविवि प्रशासन के पास हर माह 500-700 शिकायतें पहुंचती हैं। इनमें से अधिकांश कॉलेजों से जुड़ी होती हैं। इसके अलावा प्रवेश, छात्रवृत्ति, परीक्षा, सुविधाएं, स्कॉलरशिप, व्यक्ति विशेष, मारपीट, अधिकारी-कर्मचारियों से जुड़ी होती हैं। कई शिकायतों में शिकायतकर्ता की पूरी जानकारी नहीं होती।
विश्वविद्यालय में अब एफिडेविट पर लिखी शिकायतें ली जाएंगी, जिससे उन पर आवश्यक कार्रवाई की जा सके। कई शिकायतों में शिकायतकर्ता का नाम, पता और मोबाइल नम्बर गलत होता है। इससे जांच में परेशानी होती है।
– प्रो. कमलेश मिश्रा, कुलसचिव, रादुविवि