रेमडेसिविर इंजेक्शन पर प्रशासन का निर्णय, हेराफेरी रोकने की कवायद
पर्चे के साथ मरीज का मोबाइल नम्बर होगा दर्ज
अभी सिर्फ मांग व नाम पर दे देते थे इंजेक्शन
अभी निजी अस्पताल कोरोना मरीज के नाम के साथ डॉक्टर का पर्चा देते हुए प्रशासन को रेमडेसिविर इंजेक् शन की मांग से अवगत कराते थे। इस आधार पर मरीज की संख्या और आवश्यकता के अनुसार निर्धारित संख्या में इंजेक्शन स्टॉकिस्ट निजी अस्पताल को भेज देते थे। इस प्रक्रिया अस्पताल में भर्ती मरीज को यह पता नहीं चलता है कि इंजेक्शन किसके लिए है। जानकारी के अनुसार इसकी आड़ में कुछ मरीजों को इंजेक् शन ना लगाकर उसकी ज्यादा कीमत लेकर दूसरों को लगाने की शिकायत आ रही थी। नई व्यवस्था में मरीज का फोन नम्बर भी पर्चे पर होगा। इससे आवंटन के बाद प्रशासन सीधे फोन करके यह सुनिश्चित कर सकेगा कि इंजेक्शन सम्बंधित मरीज तक पहुंचा है।
आज से नई व्यवस्था लागू
एसडीएम आशीष पांडे के अनुसार रेमडेसीविर इंजेक्शन की आपूर्ति और वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। प्रशासन की निगरानी में डिस्ट्रीब्यूटर के माध्यम से निजी अस्पतालों तक इंजेक्क्षन पहुंचाएं जा रहे है। शुक्रवार से निजी अस्पताल को रेमडेसिविर का आबंटन प्राप्त करने के लिए निर्धारित प्रारूप में दी जाने वाली सूची में मरीज के मोबाइल नम्बर का उल्लेख करना होगा।