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यौन अपराधों से पीडि़तों व आश्रित नाबालिगों को मिलेगी क्षतिपूर्ति
गैंगरेप पीडि़त नाबालिगों को मिलेगा 10 लाख रुपए मुआवजा
मप्र हाईकोर्ट ने जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की योजना का पालन करने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने दिए दिशा-निर्देश-
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान सभी अपराध पीडि़त महिलाओं व यौन अपराध के शिकार बच्चे-बच्चियों को उक्त अपराध के चलते शारीरिक, मानसिक पीड़ा व अन्य नुकसान की भरपाई के समुचित वैधानिक प्रावधान न होने पर चिंता जताई थी। कोर्ट ने राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण को पांच सदस्यीय समिति गठित कर योजना बनाने को कहा था। प्राधिकरण की योजना को सुको ने गत पांच सितम्बर को अनुमोदित कर दिया था। शीर्ष कोर्ट ने कहा था कि जब तक केंद्र सरकार यौन अपराधों के शिकार नाबालिगों के लिए क्षतिपूर्ति के सम्बंध में वैधानिक प्रबंध नहीं करती, तब तक यह योजना इस सम्बंध में गाइडलाइन का काम करेगी। इसे दो अक्टूबर से पूरे देश में लागू करने के लिए कहा था।
बनेगा फंड, तत्काल मिलेगी अंतरिम मदद-
योजना के तहत महिला अपराध पीडि़त फंड बनाया जाएगा। इस फंड में केंद्र, राज्य सरकार के अनुदान के अलावा निजी कंपनियों से कार्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी के तहत प्राप्त रकम, सिविल-आपराधिक अधिकरणों की ओर से पक्षकारों पर लगाई गई कॉस्ट की राशि, अंतराष्ट्रीय-राष्ट्रीय चैरिटेबल संस्थाओं की मदद शामिल होगी। नाबालिग यौन अपराध पीडि़तों को अधिकृत हर्जाने की राशि में से 25 फीसदी तक या दस हजार रुपए अंतरिम राहत के तौर पर दिया जाएगा। जिला या राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण उक्त फंड में से यह मदद कर सकेगा। एसिड अटैक व गम्भीर मामलों पर जिला, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण स्वत: संज्ञान पर भी पीडि़तों की मदद कर सकेंगे।
इन आधारों पर मिलेगा मुआवजा-
मुआवजे के निर्धारण के लिए आधार नियत किए गए हैं। इनमें पीडि़त की आर्थिक दशा, अपराध, शारीािरक-मानसिक हानि या चोट की गम्भीरता, मेडिकल ट्रीटमेंट में सम्भावित खर्च, काउंसिलिंग, जांच व विचारण के लिए आने-जाने का खर्च, पीडि़त के शैक्षणिक, रोजगार के अवसरों की हानि, अपराधी से रिश्ता, पीडि़त को हुए यौन जनित रोग, एचआइवी संक्रमण, विकलांगता मुख्य हैं। इसके अलावा यौन अपराध की निरंतरता भी देखी जाएगी।
यहां कर सकते हैं आवेदन-
यौन अपराध पीडि़त नाबालिग अपराध होने या विचारण खत्म होने के तीन माह तक क्षतिपूर्ति के लिए आवेदन दे सकते हैं। आवेदन सम्बंधित कोर्ट के समक्ष या राज्य-जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को किया जा सकता है। पीडि़त बच्ची हो या बच्चा यह मायने नहीं रखेगा।
नाबालिग को इतना मिलेगा हर्जाना
नाबालिग के साथ अपराध हर्जाना रुपए में
मृत्यु 05 से 10 लाख
गैंगरेप 05 से 10 लाख
रेप 04 से 07 लाख
अप्राकृतिक यौन अपराध 04 से07 लाख
यौन अपराध के कारण शारीरिक-मानसिक विकलांगता 01 से 05 लाख
गम्भीर शारीरिक या मानसिक चोट 01 से 02 लाख
यौन अपराध से गर्भपात, गर्भधारण क्षमता खत्म होने पर 02 से 03 लाख
रेप से गर्भधारण पर 07 से 08 लाख
एसिड अटैक पर 03 से 08 लाख