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विदेश अध्ययन स्कॉलरिशप का मामला
विदेश भेजने के लिए विभाग तैयार
छात्र नहीं ले रहे योजना में रुचि
सम्भाग से मात्र एक छात्र ने किया था आवेदन
अंतिम समय पर वह भी हुआ रिजेक्ट
प्रदेश से पहुंचे मात्र 13 आवेदन-
सूत्रों के अनुसार पूरे प्रदेश से केवल 13 आवेदन ही उच्च शिक्षा विभाग के पास पहुंचे। इसमें से भी 6 छात्र अपात्र हो गए। 7 आवेदन उच्च शिक्षा विभाग के पास पहुंचे। 5 छात्रों को उच्च शिक्षा हेतु विदेश जाने के लिए मंजूरी प्रदान की गई। इसमें से भी 2 छात्रों ने आवेदन वापस ले लिया।
तीन में दो गए आस्ट्रेलिया, एक सिंगापुर-
प्रदेश से केवल तीन छात्रों का विदेश अध्ययन के लिए चयन किया गया। इसमें इंदौर और भोपाल से अमृत सैनी, वुसरा खान एवं मोनिरा शामिल हैं। दो छात्र आस्ट्रेलिया गए तो एक सिंगापुर।
2019-20 में एक भी आवेदन नहीं- उच्च शिक्षा विभाग ने उक्त योजना के लिए वर्ष 2019-20 के लिए आवेदन मांगे हैं। फिलहाल विभाग के पास प्रदेश से एक भी आवेदन नहीं पहुंचा है। विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के प्राचार्यों को योजना की अधिक जानकारी देने के लिए कहा है।
यह है व्यवहारिक समस्या
परिवारिक आय सीमा पांच लाख का होना
निर्धारित प्राप्तांक के दायरे में न आ पाना
सम्बंधित देश का स्टूडेंट वीजा खुद प्राप्त करना
निर्धारित समय सीमा में पाठयक्रम पास करना अनिवार्य
विदेश अध्ययन के लिए योजना का हर स्तर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। सम्भव है कि छात्र 75 फीसदी अंक के दायरे पांच लाख की आय सीमा के चलते छात्र केटेगरी को फुलफिल नहीं कर पा रहे हों। प्राचार्यों को निर्देशित किया गया है कि वे प्रतिभाशाली छात्रों को प्रोत्साहित करें।
– डॉ. रंजना मिश्रा, ओएसडी अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा