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गर्भपात से रेप की शिकार युवती को जान का खतरा- mp government

locationजबलपुरPublished: Jan 04, 2018 01:39:10 pm

Submitted by:

deepankar roy

हाईकोर्ट ने 3 विशेषज्ञ डॉक्टर से युवती की जांच कराकर 48 घंटे में रिपोर्ट पेश करने के दिए निर्देश

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जबलपुर। सिवनी जिले की 23 वर्षीय रेप पीडि़ता के गर्भपात से उसकी जान को खतरा हो सकता है। मामला सिवनी की उस युवती से संबंधित है जिसमें उसने अपना गर्भपात कराने की अनुमति के लिए हाईकोर्ट की शरण ली है। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने इससे पहले युवती के गर्भपात के संबंध में चिकित्सकों की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे। इस मामले में बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई। जस्टिस वंदना कसरेकर की एकलपीठ के सामने राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि गर्भपात कराने पर याचिकाकर्ता की जान को खतरा हो सकता है। इस पर कोर्ट ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डीन को निर्देश दिया कि वे तीन विशेषज्ञ चिकित्सकों से युवती की जांच कराकर 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

सिलाई सिखाने के बहाने किया दुराचार
सिवनी जिले की याचिकाकर्ता युवती ने कोई में बताया कि गरीब परिस्थिति के कारण उसने कपड़ों की सिलाई करने करके जीवन यापन के लिए पैसा जुटाने का निर्णय किया। इसके लिए उसने बरघाट में टेलरिंग की दुकान चलाने वाले राजेश से संपर्क किया। युवती का आरोप है कि राजेश ने शादीशुदा होने की बात छिपाई। उसे धोखे में रखा और शादी का झांसा देकर उसके साथ दुराचार किया। इससे वह गर्भवती हो गई।

पेट में चार माह का गर्भ
याचिकाकर्ता का आरोप है कि उसे जब गर्भ ठहर गया तो राजेश शादी की बात से मुकर गया। इसके बाद उसने आरोपित के खिलाफ बरघाट थाने में भादंवि की धारा 376 के तहत 9 दिसंबर, 2017 को शिकायत दर्ज कराई। उसने गर्भपात कराने का निर्णय किया। लेकिन चिकित्सकों के अनुमति न दिए जाने पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। मामले में अगली सुनवाई 5 जनवरी, 2017 को होगी।

सीएमओ के पास भेजा था
हाईकोर्ट ने इससे पहले मामले पर 28 दिसंबर, 2017 को सुनवाई की थी। याचिकाकर्ता को सिवनी जिला अस्पताल के सीएमओ के पास जाकर विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम से जांच कराने के निर्देश दिए थे। इस जांच रिपोर्ट को अगली सुनवाई में पेश करने कहा था। ये रिपोर्ट राज्य सरकार से शासकीय अधिवक्ता ने हाईकोर्ट के पटल पर बुधवार को प्रस्तुत की। अधिवक्ता ने रिपोर्ट का हवाला देते हुए हाईकोर्ट को बताया कि गर्भपात कराने पर युवती की जान को खतरा रहेगा। याचिकाकर्ता के वकील ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों से जांच कराने का आग्रह किया। इस पर हाईकोर्ट ने जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन को विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम बनाकर युवती की जांच कराने का निर्देश दिया है।

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