भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष रमेश पटेल का कहना है कि मंडी प्रशासन और व्यापारियों के बीच बनी संवादहीनता के कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। मंडी में सचिव सहित पदस्थ निरीक्षक, उप निरीक्षक मुख्यालय में नहीं रहते और अपने कर्तव्य की सिर्फ खानापूर्ति में दोपहर 12 बजे के बाद मंडी पहुंचते हैं, इससे मंडी में अनाज की बोली का काम दोपहर एक बजे शुरू हो पाता है, जबकि नियमानुसार सुबह दस बजे बोली का काम शुरू हो जाना चाहिए। बोली खत्म होने के समय शुरू होती है।
भारत कृषक समाज के संरक्षक सबूत पांडे का कहना है कि मंडी में तीन कर्मचारियों के वर्चस्व से अनाज व्यापारियों में नाराजगी है। इसे दूर करने के लिए बाहर साधक अधिकारी मंडी प्रशासन को पहल करना चाहिए। किसान नेता अरुण पटेल, भारत पटेल, सुरेंद्र पटेल, छोटे पटेल आदि ने मंडी के भार साधक अधिकारी एवं एसडीएम सिहोरा से शनिवार को मंडी में खरीदी शुरू कराए जाने के निर्देश मंडी सचिव को दिए जाने की मांग की है। मांग पूरी नहीं होने पर मंडी प्रशासन के खिलाफ आंदोलन किए जाने की बात कही गई है।