तीनों प्रकार के पौधे रोपे जाएंगे
पहाड़ी पर में तीन प्रकार के पौधे रोंपे जाएंगे। जिनमें बड़े आकार वाले पेड़ सबसे ज्यादा होंगे। उनके अलावा मध्यम व छोटे आकार के पेड़ भी लगाए जाएंगे।
संस्थाओं को भी बनाया जाएगा भागीदार
पहाड़ी पर पौधरोपण में शैक्षणिक, सामाजिक संस्थाओं को भी भागीदार बनाया जाएगा। जिससे की पहाड़ी को हरा-भरा बनाने में सभी की सहभागिता हो।
किया जाएगा ड्रिप इरीगेशन
पौधरोपण के साथ ही पौधों को सुरक्षित बचाने के लिए ड्रिप इरीगेशन तकनीक अपनाई जाएगी। जिससे की पौधों की बेहतर ढंग से सिंचाई हो सके। इसके लिए पहाड़ी पर पहले से मौजूद जल स्रोतों का उपयोग किया जाएगा। इसके साथ ही नए जल स्रोत भी विकसित किए जाएंगे। पहाड़ी पर लगाए जाने वाले पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी स्मार्ट सिटी ईको टूरिज्म टीम व वन विभाग का अमला संयुक्त रूप से संभालेगा। मदन महल पहाड़ी पर 25,000 पौधों का रोपण 25 ब्लॉक बनाकर किया जाएगा, प्रति एकड़ लगभग 1,000 पौधों का किया जाएगा रोपण।
ये पौधे लगाए जाएंगे
पहाड़ी पर चिरौल, जामुन, कठ जामुन, बेल, बेर, आंवला, चार, भिल्मा, नीम, पीपल, बरगद, सीता फल के पौधे लगाए जाएंगे। पहले भी पहाड़ी पर प्राकृतिक रूप से ये पौधे बहुतायत में लगे हुए थे। बाद में पहाड़ी पर अतिक्रमण होने के साथ ही पेड़ कटते गए।
मदनमहल पहाड़ी पर ब्लॉकवार पौधरोपण किया जाएगा। जिनमें बड़े, मध्यम व छोटे आकार के पेड़ लगाए जाएंगे। पौधों की देखभाल स्मार्ट सिटी व वन विभाग की संयुक्त टीम करेगी।
केएल कांवरे, प्रोजेक्ट मैनेजर, ईको टूरिज्म, स्मार्ट सिटी जबलपुर