सर्विस टैक्स से लगा कर चोरी का सुराग
इस मामले में सेंट्रल जीएसटी की टीम ने बड़ी रणनीति के तहत काम किया। कर चोरी का अहम सुराग सर्विस टैक्स से लगा। सेंट्रल जीएसटी की निवारक (प्रिवेंटिव) शाखा सर्विस टैक्स का ऑडिट कर रही थी। इसी में टैक्स चोरी संबंधी गफलत मिली। जब कंपनी का जीएसटी खाता जांचा गया तो उसमें और बड़ी गड़बडिय़ां सामने आईं। इसी आधार पर कंपनी पर छापा की कार्रवाई की गई। इस मामले में दोनों प्रोपराइटर एवं संचालक शैलेष राजपाल को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले में सेंट्रल जीएसटी की टीम ने बड़ी रणनीति के तहत काम किया। कर चोरी का अहम सुराग सर्विस टैक्स से लगा। सेंट्रल जीएसटी की निवारक (प्रिवेंटिव) शाखा सर्विस टैक्स का ऑडिट कर रही थी। इसी में टैक्स चोरी संबंधी गफलत मिली। जब कंपनी का जीएसटी खाता जांचा गया तो उसमें और बड़ी गड़बडिय़ां सामने आईं। इसी आधार पर कंपनी पर छापा की कार्रवाई की गई। इस मामले में दोनों प्रोपराइटर एवं संचालक शैलेष राजपाल को गिरफ्तार किया गया है।
ठेका श्रमिक उपलब्ध कराती है कंपनी
यह कंपनी कई जगहों पर सर्विस देती है। सबसे बड़ा काम अलग-अलग संस्थानों में ठेका श्रमिक उपलब्ध करवाना है। जिन फर्मों को कंपनी सेवाएं देती थी, उनसे जीएसटी के साथ राशि एकत्रित की जाती थी। लेकिन उसके अनुरूप सरकार के खाते में टैक्स की राशि जमा नहीं की जाती थी। सेन्ट्रल जीएसटी पूर्व के प्रकरणों में इस कंपनी की सर्विस टैक्स संबंधी गड़बडिय़ों की जांच कर ही रही थी। इसी आधार पर यह बड़ी कार्रवाई की गई। बताया जाता है कि टीम लंबे समय से कंपनी की आर्थिक गतिविधियों पर नजर रख रही थी। जब पुख्ता सबूत हाथ आए तो छापा की कार्रवाई की।
यह कंपनी कई जगहों पर सर्विस देती है। सबसे बड़ा काम अलग-अलग संस्थानों में ठेका श्रमिक उपलब्ध करवाना है। जिन फर्मों को कंपनी सेवाएं देती थी, उनसे जीएसटी के साथ राशि एकत्रित की जाती थी। लेकिन उसके अनुरूप सरकार के खाते में टैक्स की राशि जमा नहीं की जाती थी। सेन्ट्रल जीएसटी पूर्व के प्रकरणों में इस कंपनी की सर्विस टैक्स संबंधी गड़बडिय़ों की जांच कर ही रही थी। इसी आधार पर यह बड़ी कार्रवाई की गई। बताया जाता है कि टीम लंबे समय से कंपनी की आर्थिक गतिविधियों पर नजर रख रही थी। जब पुख्ता सबूत हाथ आए तो छापा की कार्रवाई की।
ऐसे हुआ करोड़ों की कर चोरी का खुलासा
सेंट्रल जीएसटी की निवारक (प्रिवेंटिव) शाखा ने मंगलवार को शहर की आउटसोर्सिंग कंपनी साई सन प्रोपराइटरशिप और साई सन आउटसोर्सिंग प्रा. लि. पर छापा मारा था। दोनों कंपनियों में शैलेष राजपाल क्रमश: प्रोपराइटर एवं संचालक है। सीजीएसटी के संयुक्त आयुक्त और सहायक आयुक्त के साथ 15 सदस्यीय टीम ने जांच की और कंपनी के ऑफिस से दस्तावेज जब्त किए। 13 सितम्बर तक चली कार्रवाई में जुलाई 2017 से मार्च 2019 के बीच 27.44 करोड़ रुपए की कर चोरी पाई गई।
सेंट्रल जीएसटी की निवारक (प्रिवेंटिव) शाखा ने मंगलवार को शहर की आउटसोर्सिंग कंपनी साई सन प्रोपराइटरशिप और साई सन आउटसोर्सिंग प्रा. लि. पर छापा मारा था। दोनों कंपनियों में शैलेष राजपाल क्रमश: प्रोपराइटर एवं संचालक है। सीजीएसटी के संयुक्त आयुक्त और सहायक आयुक्त के साथ 15 सदस्यीय टीम ने जांच की और कंपनी के ऑफिस से दस्तावेज जब्त किए। 13 सितम्बर तक चली कार्रवाई में जुलाई 2017 से मार्च 2019 के बीच 27.44 करोड़ रुपए की कर चोरी पाई गई।