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मंजूर खाली पदों पर क्यों नहीं कर रहे अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति
राज्य सरकार सहित अन्य से हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर मांगा जवाब
यह है मामला-
भोपाल के संजय सोनी, संदीप गौर, रूही अली, वैशाली महारे, राजेंद्र मालवीय व जीनत हसन ने याचिका दायर कर कहा कि वे भोपाल के गीतांजलि ऑटोनॉमस गल्र्स पीजी कॉलेज में एमसीए विषय के अतिथि शिक्षक हैं। उनकी नियुक्ति जनभागीदारी समिति के जरिए की गई। जबकि, यूजीसी ने 1993 में कॉलेज में एमसीए के लिए चार शिक्षकों के पद स्वीकृत किए थे।
अधिवक्ता बृंदावन तिवारी ने तर्क दिया कि नियमों के अनुसार स्वीकृत पद रिक्त होने की दशा में इन पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की जाती है। लेकिन, कॉलेज प्रबंधन ने इन रिक्त पदों पर नियुक्त न कर याचिकाकर्ताओं को जनभागीदारी समिति से नियुक्ति दी। इसके चलते याचिकाकर्ताओं को बहुत कम वेतन मिल रहा है। प्रबंधन ने इस गोलमाल को छिपाने के लिए उक्त खाली पदों पर दूसरे विषयों के शिक्षकों को अटैच कर दिया। आग्रह किया गया कि याचिकाकर्ताओं को उक्त स्वीकृत व रिक्त पदों पर नियुक्त करने के निर्देश दिए जाएं। प्रारम्भिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका में बनाए गए अनावेदकों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।