गुप्त साधना का पर्व आज से, सिद्धि होंगी सिद्ध करें ऐसे पूजन
Ashadha Gupt Navratri 2018 – Types Of Navratri in India
जबलपुर। अषाढ़ शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा शनिवार से गुप्त नवरात्र शुरू हो रही हैं। ज्योतिर्विदों के अनुसार पुष्य नक्षत्र और सर्वार्थसिद्ध योग में शुरू हो रही नवरात्र में आठ दिनों तक भगवती की उपासना होगी। इस नवरात्र को तांत्रिक सिद्धियों की साधना के लिए उत्तम माना जाता है। सिविक सेंटर स्थित बगलामुखी मंदिर और शक्तिपीठों में आराधना होगी। बाजनामठ मंदिर व चौसठ योगिनी मंदिर में तांत्रिक साधना होगी। ज्योतिर्विद् जनार्दन शुक्ल के अनुसार एक साल में दो जागृत और दो गुप्त नवरात्र होती हैं। गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की उपासना होती है। इस बार आठ दिन की नवरात्र है। नवरात्र में स्त्री का अपमान और दिन में शयन नहीं करना चाहिए। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
news fact- गुप्त नवरात्र आज से- आठ दिन होगी भगवती की उपासना बाजनामठ व चौसठ योगिनी मंदिर में होगी तंत्र साधना
इसलिए मनाते हैं गुप्त नवरात्र मार्कण्डेय पुराण के अनुसार चारों नवरात्र में शक्ति के साथ इष्ट की आराधना का विशेष महत्व होता है। वहीं शिवपुराण के अनुसार दैत्य दुर्ग का वध करने के लिए मां पराम्बा ने अपने शरीर से काली, तारा, छिन्नमस्ता, श्रीविद्या, भुवनेश्वरी, भैरवी, बगलामुखी, धूमावती, त्रिपुरसुंदरी और मातंगी नाम वाली दस महाविद्याओं को प्रकट कर दैत्य दुर्ग का वध किया था। दस महाविद्याओं की साधना के लिए तभी से गुप्त नवरात्र मनाया जाता है।
कमजोर हो जाती हैं देव शक्तियां ब्रह्मचारी चैतन्यानंद महाराज के अनुसार जब भगवान विष्णु शयन काल की अवधि के बीच होतें हैं तब देव शक्तियां कमजोर होने लगती हैं। उस समय पृथ्वी पर रूद्र, वरुण, यम आदि का प्रकोप बढऩे लगता है। इन विपत्तियों से बचाव के लिए गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना की जाती है। सतयुग में चैत्र नवरात्र, त्रेता में आषाढ़ नवरात्र, द्वापर में माघ और कलियुग में आश्विन की साधना-उपासना का विशेष महत्व रहता है।