मूर्ति पर हैं क्रेन के निशान
राइट टाउन स्थित मंदिर के संचालक और प्रबंधक पंडित धर्मेंद्र दुबे ने बताया कि मंदिर का इतिहास ढाई सौ साल पुराना है। उनके पूर्वजों ने जब यहां पर हनुमानजी की प्रतिमा देखी, तब यहां जंगल पहाड़ हुआ करते थे। प्रतिमा को स्थानांतरित करने की बात उठी तो काफी मशक्कत के बाद भी यह प्रतिमा एक इंच भी नहीं हिली। क्रेन से उठाने के दौरान चैन के निशान आज भी हनुमानजी की प्रतिमा के पीछे हैं। हनुमानजी हर श्रद्धालु की मनोकामना पूरी करते हैं। इस वर्ष हनुमान जयंती के कार्यक्रम संक्षिप्त रूप में किए जा रहे हैं।
चल रही है 53 वर्ष से रामायण
नागपुर रोड पर सूपाताल के समीप स्थित बजरंगबली के मंदिर में 53 वर्ष से अखंड मानस पाठ चल रहा है। इसकी शुरुआत स्वामी वीरेंद्रपुरी ने अगस्त 1967 में की थी। अखंड पाठ की वजह से क्षेत्रीय लोगों ने मंदिर का नाम ही रामायण मंदिर रख दिया है। इससे प्रेरित होकर रानीताल के हनुमान मंदिर, मदनमहल स्थित हनुमान मंदिर, दमोहनाका, रांझी, अधारताल सहित अन्य इलाकों में भी कई हनुमान मंदिरों में अखंड रामायण के पाठ आरंभ किए गए।
दर्शन मात्र से होती हैं मुराद पूरी
श्री सिद्ध हनुमान मंदिर शास्त्री ब्रिज महावीर मंदिर में लगभग 200 वर्ष पुरानी सिद्ध हनुमानजी की मूर्ति स्थापित है। हनुमानजी के चरणों में शनि देव महाराज हैं। मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं कि जब पुनर्निर्माण हो रहा था, जब हनुमानजी महाराज के मूल रूप के दर्शन हुए। सात जून 2019 को मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया।
ये मंदिर भी आस्था के केंद्र
कांचघर चुंगी चौकी, मदनमहल, हाइकोर्ट, सदर, स्नेह नगर, संकटमोचन मंदिर गौतमजी की मढिय़ा, ग्वारीघाट रामलला मंदिर, ग्वारीघाट दक्षिणमुखी हनुमान मन्दिर, तिलवाराघाट, गढ़ा बाजार, पचमठा, रांझी दर्शन तिराहा, दमोहनाका, निवाडग़ंज, एकता चौक, गंगासागर, शारदा चौक, मदनमहल पहाड़ी, शास्त्री नगर, पंडा की मढिया, पांडे चौक स्थित मंदिर आदि।
रानीताल चौक पर 250 वर्ष पुरानी प्रतिमा
रानीताल चौक स्थित पेट्रोल पंप के बाजू में स्थित मंदिर में लगभग 250 वर्ष प्राचीन स्वयं सिद्ध हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित है। हर वर्ष पांच दिन तक हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है, परंतु इस बार के आयोजन निरस्त हैं।