सात बिंदु बताए
हनुमानताल में प्रदूषण रोकने के लिए पीसीबी ने निगम को सात बिंदु बताए हैं। पीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी आलोक कुमार जैन की ओर से निगमायुक्त को लिखे पत्र में बताया गया है कि कुछ पहल करके तालाब में प्रदूषण रोका जा सकता है। इसमें घरेलू दूषित जल तालाब में मिलने से रोकना, तालाब में ठोस अपशिष्ट के निस्तारण पर सख्ती से रोक लगाना, जल शुद्धिकरण के लिए फाउंटेन लगाना, तालाब में कपड़ों की धुलाई को प्रतिबंधित करना, मूर्ति विसर्जन को पूरी तरह से प्रतिबंधित करना शामिल है। इसके अलावा तालाब के मुख्य घाटों के आसपास नियमित सफाई, नगरीय ठोस अपशिष्ट का ठीक ढंग से संग्रहण, परिवहन व निपटारण किया जाए। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे ने भी पीसीबी को पत्र लिखा था।
हनुमानताल में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि तालाब का पानी छूने लायक भी नहीं बचा है। तालाब में बैक्टीरिया सहित अन्य हानिकारक कं टेंट की मात्रा बहुत ज्यादा है।
– विनोद दुबे, भू जलविद्
इन बीमारियों का खतरा
हनुमानताल से पानी के सैंपल लेकर की गई जांच में पाया गया है कि तालाब का पानी जहरीला हो गया है। ये पानी छूने लायक भी नहीं है। मौजूदा स्थिति में तालाब में मछली से लेकर अन्य जलीय जीवों का ज्यादा दिन जिंदा रहना संभव नहीं है। पानी मेंं ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम हो गई है जबकि बैक्टीरिया की संख्या तेजी से बढ़ी है। नाइट्रेट की मात्रा ज्यादा बढ़ गई है। ऐसे में पानी के उपयोग पर ब्लू बेबी रोग होने का खतरा है। पानी में अमोनिया की मात्रा इतनी ज्यादा है की पीने पर लीवर संबंधी बीमारी हो सकती है।