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वैदिक मंत्रों के गूंज के साथ होगी नर्मदा की महाआरती

locationजबलपुरPublished: Dec 29, 2017 08:03:17 am

Submitted by:

deepankar roy

वैदिक ब्राम्हण करेंगे स्वस्ति वाचन, पत्रिका की वर्षगांठ पर होगा भव्य आयोजन

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जबलपुर। नया साल, नए संकल्प और पूर्णिमा की पावन तिथि के योग पर 1 जनवरी को नर्मदा के उमाघाट पर होने जा रही महाआरती में एक संयोग और जुड़ेगा। यह है वैदिक पाठ और मंत्रोच्चार का…। पत्रिका की वर्षगांठ पर आयोजित महाआरती के शुभारंभ पर स्वस्ति वाचन के स्वर गूंजेंगे। तट को दीपों से सजाया जाएगा। अनेक संस्थाओं और संगठनों के लोग इसके साक्षी बनेंगे।

यादगार होगा आयोजन
कार्यक्रम में नगर पंडित सभा के वैदिक आचार्य देववाणी का सम्मोहन घोलेंगे। नगर पंडित सभा के अध्यक्ष पं. वासुदेव शास्त्री के अनुसार मां नर्मदा की महाआरती का यह दिव्य आयोजन यादगार बनेगा। सभा के पं. रामसंकोची गौतम, पं. अखिलेश त्रिपाठी व पं. दिनेश गर्ग का कहना है कि मां नर्मदा जबलपुर के हर नागरिक के हृदय में बसती हैं। लाखों प्राणियों के कंठ शीतल कर रही मां नर्मदा का हम सभी पर ऋण है। नए साल पर हम सभी मां की महाआरती करके उनके प्रति श्रद्धा का भाव अर्पित करेंगे। पूर्णिमा की तिथि पर यह बेहद महत्वपूर्ण आयोजन है। नए साल के स्वागत और उत्सव का इससे बड़ा कोई अवसर नहीं हो सकता। इसमें संस्कारधानी के हर व्यक्ति को भागीदार बनना चाहिए।

बच्चों को अवश्य लाएं
ज्योतिषाचार्य पं. जनार्दन शुक्ल का कहना है कि भारतीय पंचांग में नव वर्ष प्रकृति के उत्सव का पर्व होता है। रंगों के साथ बीते साल की विदाई और मां भगवती की आराधना के साथ चैत्र में हम नव वर्ष मनाते हैं। केलेण्डर के नए वर्ष को भी यदि आस्था से जोड़ लिया जाए तो यह बड़ा उत्सव बन जाएगा। इसके लिए आवश्यक है कि लोग बच्चों को महाआरती में लाएं। उनसे नर्मदा तट पर दीप अर्पित कराएं, ताकि बच्चों को सीख मिले और वे नए साल के स्वागत की इस अनूठी परंपरा को आत्मसात करें। पत्रिका सभी को यह नेक और पुण्य अवसर प्रदान कर रहा है।

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