फोन पर हुई पहली बात
सनी मतानी ने पारुल से उनकी मुलाकात वर्ष 2006 में हुई थी। दरअसल पारुल उनके बड़े भाई की शॉप में बतौर अकाउंटेंट काम करती थीं। काम के सिलसिले में सनी अक्सर बड़े भाई की शॉप जाया करते थे। इसी दौरान उन्होंने पारुल को पहली बार देखा। सनी और उनके भाई की शॉप एक्सटेंशन लैंडलाइन नंबर से कनेक्टेड थीं। एक बार सनी ने फोन लगाया तो पारुल ने ही अटेंड किया। दोनों को एक-दूसरे की आवाज प्यारी लगी। इसके बाद फोन पर बातों का सिलसिला बढ़ता गया और प्यार भी परवान चढ़ता गया।
एक दम किया प्रपोज
सनी के अनुसार पारुल की हर अदा उन्हें बेहद अच्छी लगती थी। उन्होंने पारुल में ही अपने जीवन साथी को तलाश लिया और एक दिन मौका पाकर उन्होंने पारुल को प्रपोज भी कर दिया। सुनते ही पारुल शरमा गई। वह तुरंत तो इसका जवाब नहीं दे पाईं, लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होंने भी रिश्ते के लिए हामी भर दी। दोनों ने एक-दूसरे के साथ जीवन बिताने का निश्चय भी कर लिया।
फिर आया ये मोड़
सनी के अनुसार कुछ समय तक सब ठीक चलता रहा, लेकिन अचानक पारुल की भोपाल में जॉब लग गई। वह भोपाल चली गई। कुछ दिन फोन पर बात हुई, लेकिन धीरे-धीरे बातचीत का सिलसिला भी थम गया। दूरियां बढ़ती गईं और हालात ब्रेकअप तक पहुंच गए। पारुल के अनुसार उन्होंने तो भी सोच लिया था कि यह रिलेशन अब ब्रेक हो चुका है, लेकिन 4 साल बाद सनी का मैसेज आया कि उन्हें आज भी मेरा इंतजार है। वे शादी करना चाहते हैं। पहले तो पारुल को यकीन नहीं हुआ। बाद में पारुल को लगा कि वे एक-दूसरे के लिए ही बने हैं। 10 की मोहब्बत में खुशियों के रंग भरे दो महीने पहले ही दोनों ने विवाह कर लिया। एक-दूजे को पाकर दोनों बेहद खुश हैं।
विश्वास सबसे अहम
पारुल व सनी के अनुसार एक-दूसरे से प्यार के बारे में पहले उन्होंने अपने-अपने परिवार में बताया। जब घर में पता चला तो परिवार वालों ने पहली बार में तो मनाही की, लेकिन बाद में सभी मान गए। इस तरह पारुल चौरसिया पारुल मतानी हो गईं। सनी का कहना है कि रिलेशन में वक्त देना और विश्वास जरूरी है। भले ही चार साल ब्रेकअप के कारण दूर रहे, लेकिन एक-दूसरे पर विश्वास पक्का था। अंतत: विश्वास की जीत भी हुई।