सावन में झूलों का महत्व
हरियाली तीज के दिन महिलाएं झूले झूलकर हरियाली उत्सव मनाती है। इस दिन आकर्षक मेंहदी रचाने की परम्परा है। गांवों में पेड़ों की डालियों में झूले पड़ते हैं तो शहर की महिलाएं एवं कन्याएं पार्को में भ्रमण करने जाती हैं। प्रमुख जलस्रोतों के किनारे एवं शिव मंदिर में महिलाएं हरियाली तीज व्रत की कथा करती है। इस पर्व में घरों में पकवान भी बनाए जाते हैं। इस बार हरियाली तीज शनिवार को मनाई जाएगी। सोमवार की तरह महिलाएं भगवान शिव पार्वती के मंदिर में दर्शन-पूजन करने जाएंगी। घरों में भगवान शिव पार्वती व श्री गणेश के चित्र रखकर पूजा की जाएगी।