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हरतालिका तीज पर इस विधि से करें पूजा, होगी हर मनोकामना पूरी

locationजबलपुरPublished: Sep 04, 2018 01:43:49 pm

Submitted by:

Lalit kostha

हरतालिका तीज
 

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जबलपुर। हरितालिका तीज हिंदू धर्म का सबसे बड़ा व्रत माना जाता है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला और निराहार रहकर ये व्रत करती हैं।वहीं कुवांरी लड़कियों के लिए भी ये व्रत बड़ा खास माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि कुवांरी लड़कियां अगर इस व्रत को करें तो उन्हें भगवान शिव जैसा पति मिलता है। पूरा दिन भूखे प्यासे रहकर महिलाएं रतजगा भी करती हैं। हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद, शुक्ल पक्ष की तृतीया के दिन किया जाता है। इस दिन गौरी-शंकर का पूजन किया जाता है। यह व्रत हस्त नक्षत्र में होता है। इसे सभी कुंवारी यु‍वतियां तथा सौभाग्यवती ‍महिलाएं ही करती हैं।

news fact- हरतालिका तीज : जानिए पूजन सामग्री की सूची एवं विधि, इस रीति से करें पूजन, शिव-पार्वती देंगे अखंड सौभाग्य का वरदान

इस संबंध में हमारे पौराणिक शास्त्रों में इसके लिए सधवा-विधवा सबको आज्ञा दी गई है। इस व्रत को ‘हरतालिका’ इसीलिए कहते हैं कि पार्वती की सखी उन्हें पिता-प्रदेश से हर कर घनघोर जंगल में ले गई थी। ‘हरत’ अर्थात हरण करना और ‘आलिका’ अर्थात सखी, सहेली।

इसी त्योहार को दूसरी ओर बूढ़ी तीज भी कहा जाता हैं। इस दिन सास अपनी बहुओं को सुहागी का सिंधारा देती हैं। इस व्रत को करने से कुंआरी युवतियों को मनचाहा वर मिलता है और सुहागिन स्त्रियों के सौभाग्‍य में वृद्धि होती है तथा शिव-पार्वती उन्हें अखंड सौभाग्यवती रहने का वरदान देते हैं।

हरतालिका तीज की पूजन सामग्री :-

गीली काली मिट्टी या बालू रेत, बेलपत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता, धतूरे का फल एवं फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनैव, नाडा़, वस्त्र, सभी प्रकार के फल एवं फूल पत्ते, श्रीफल, कलश, अबीर, चन्दन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, फुलहरा (प्राकृतिक फूलों से सजा)।

पार्वती माता की सुहाग सामग्री :-

मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, माहौर, बाजार में उपलब्ध सुहाग पुड़ा आदि।

पंचामृत के लिए :- घी, दही, शक्कर, दूध, शहद

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