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hartalika teej vrat muhurt aur puja vidhi – इस विधि से करें पूजा तो प्रेमी से होगी शादी और तरक्की

locationजबलपुरPublished: Aug 15, 2018 02:39:18 pm

Submitted by:

deepak deewan

प्रेमी से शादी

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जबलपुर। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज मनाई जाती है जोकि इस बार 12 सितंबर को है। हर तालिका तीज व्रत कुंवारी कन्या, सौभाग्यवती स्त्रियां करती हैं। विवाहित महिलाएं अपने पति के सौभाग्य के लिए और कुंवारी कन्याएं पसंदीदा वर प्राप्त करने के लिए यह व्रत करती हैं। वैसे शास्त्रों में विधवा महिलाओं को भी यह व्रत रखने की आज्ञा है।

व्रत के हैं कठिन नियम
हरतालिका तीज व्रत के कठिन नियम हैं। इस व्रत में जल ग्रहण नहीं किया जाता है। व्रत के बाद अगले दिन ही जल ग्रहण करने का विधान है। विशेष बात यह भी है कि एक बार हरतालिका तीज व्रत करने पर इसे छोड़ा नहीं जा सकता है। हरतालिका तीज व्रत के दिन रात्रि जागरण किया जाता है। रात में भजन-कीर्तन किया जाता है। इस व्रत को विधि-विधान से करना चाहिए।

तीज व्रत पूजा विधि
हरतालिका तीज पर माता पार्वती और भगवान शंकर की विधि-विधान से पूजा की जाती है। हरतालिका तीज पूजा प्रदोषकाल में की जाती है। सूर्यास्त के बाद के मुहूर्त को प्रदोषकाल कहा जाता है। पूजन के लिए भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की रेत व काली मिट्टी की प्रतिमा बनाएं। पूजा स्थल को फूलों से सजाकर एक चौकी रखें और उस चौकी पर केले के पत्ते रखकर ये प्रतिमाएं स्थापित करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान गणेश की पूजन करें। इस प्रकार पूजन के बाद कथा सुनें और रात्रि जागरण करें। आरती के बाद रात्रि जागरण करें।

सुहाग की पिटारी में सुहाग की सारी वस्तु रखकर माता पार्वती को चढ़ाना इस व्रत की मुख्य परंपरा है। इसमें शिव जी को धोती और अंगोछा चढ़ाया जाता है। यह सुहाग सामग्री सास के चरण स्पर्श करने के बाद किसी जरूरतमंद महिला को दान देना चाहिए। सुबह माता पार्वती को सिंदूर चढ़ाएं व ककड़ी-हलवे का भोग लगाकर व्रत खोलें।
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